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Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी आज, शुभ मुहूर्त से लेकर व्रत के पारण का समय जानें

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 Vrat Shubh Muhurat & Puja Vidhi: आज 8 नवंबर 2025, वार शनिवार को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है, जिस दिन गणेश जी के गणाधिप स्वरूप की पूजा की जाती है. साथ ही व्रत रखना शुभ होता है. आइए अब जानते हैं गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और व्रत के पारण के सही समय आदि के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Updated: Nov 8, 2025 08:39
Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025
Credit- Social Media

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2025 Vrat Shubh Muhurat & Puja Vidhi: हिंदू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता माना गया है, जिनकी उपासना सभी देवी-देवताओं और मांगलिक कार्यक्रमों से पहले की जाती है. माना जाता है कि यदि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की जाती है तो उस काम में बाधा उत्पन्न नहीं होती है. गणेश जी सभी बाधाओं को दूर करते हैं, इसी वजह से उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है. इसके अलावा गणपति बप्पा को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का देवता भी माना गया है. वैसे तो गणेश जी की पूजा किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी और गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की उपासना करना बेहद शुभ होता है.

द्रिक पंचांग के अनुसार, हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है, जिस दिन गणपति बप्पा की उपासना की जाती है. वहीं, जब मार्गशीर्ष माह में चतुर्थी तिथि आती है तो उसे गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग सच्चे मन से गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा के गणाधिप स्वरूप यानी गणों के अधिपति के रूप की पूजा करते हैं, उनके सभी कष्ट बप्पा हर लेते हैं. हालांकि, कुछ लोग बप्पा से मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद पाने के लिए भी संकष्टी चतुर्थी पर व्रत रखते हैं. साल 2025 में आज 8 नवंबर को मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है.

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गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार 08 नवंबर 2025 की सुबह 07:32 मिनट से लेकर 9 नवंबर 2025 की सुबह 04:25 मिनट तक मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी. ऐसे में 8 नवंबर 2025, वार शनिवार को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है.

  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:53 से सुबह 05:46 मिनट तक
  • अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:43 से दोपहर 12:26 मिनट तक
  • सायाह्न सन्ध्या- शाम 05:31 से शाम 06:50 मिनट तक

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद लाल या पीले रंग के कपड़े धारण करें.
  • घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें.
  • गणेश जी का जलाभिषेक करके उनके माथे पर पीले चंदन से तिलक लगाएं.
  • बप्पा को फूलों की माला, फूल, वस्त्र और मोदक अर्पित करें.
  • देसी घी का दीपक जलाएं.
  • इस दौरान ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 3 बार जाप करें.
  • गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा सुने या पढ़ें और आरती करें.
  • शाम में गणेश जी और चंद्र देव की पूजा करें. साथ ही चंद्र देव को जल से अर्घ्य दें.
  • गणेश जी को चढ़ाए भोग को खाकर व्रत का पारण करें.

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गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत का पारण कब करें?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा शाम में चंद्रमा के उदय के बाद करनी शुभ होती है. 8 नवंबर 2025 को शाम में 07 बजकर 59 मिनट के करीब चंद्रोदय होगा. इसके बाद गणेश जी की पूजा करने के बाद आप व्रत का पारण कर सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 07, 2025 04:22 PM

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