---विज्ञापन---

Diwali Special Story: जानिए अयोध्या में कैसे मनाई गई थी पहली दिवाली? लोगों ने ऐसे किया था प्रभु श्री राम का स्वागत?

Diwali Special Story: पुराणों में बताया गया है कि प्रभु श्री राम के अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब श्री राम अयोध्या लौटे तो लोगों ने श्री राम का स्वागत दिवाली मनाकर किया था। आइए जानते हैं कि आखिर अयोध्या में पहली दिवाली कैसे मनाई गई थी?

Edited By : Nishit Mishra | Oct 13, 2024 19:00
Share :
diwali-special-story-How was the first Diwali celebrated in Ayodhya

Diwali Special Story: हिन्दू धर्म में हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली दिवाली मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन प्रभु श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। दिवाली के दिन सरयू के तट को लाखों दीयों से सजाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं सबसे पहली दिवाली अयोध्या वासियों ने कैसे मनाई थी?

रामायण की कथा 

रामायण में वर्णित कथा के अनुसार रावण का अंत होने के बाद, प्रभु श्री राम की आज्ञा से विभीषण को लंका का राजा बनाया गया। परन्तु वनवास खत्म होने में अभी भी कुछ दिन शेष बचे थे। फिर चौदह वर्ष के वनवास के बाद जब श्री राम अयोध्या आने लगे तो विभीषण ने उन्हें अपने पुष्पक विमान में विदा किया। लौटते समय रास्ते में प्रभु श्री ने उन सभी लोगों से मुलाकात की,  जो वनवास के दौरान उनकी किसी न किसी रूप में मदद की थी।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें-Diwali 2024: क्या इस बार 2 दिन रहेगी दिवाली? धनतेरस-लक्ष्मीपूजा को लेकर अभी भी हैं कन्फ्यूजन, जानें वजह और सही तिथि!

फिर जब प्रभु श्री राम हनुमान, लक्ष्मण और सीता जी के साथ प्रयागराज में गंगा किनारे स्थित, ऋषि भरद्वाज से मिलने उनके आश्रम पहुंचे तो, उन्होंने ने हनुमान जी से कहा तुम शीघ्र ही मेरे अनुज भरत के पास जाओ। वहां पहुंचकर भरत से  कहना मैं जल्द ही अयोध्या पहुंच रहा हूं। प्रभु श्री राम को डर था कि अगर भरत को मेरे आने की सूचना समय से नहीं मिली तो वह आत्मदाह कर लेगा।

---विज्ञापन---

हनुमान जी और भरत जी का मिलना  

अपने प्रभु के कहने पर हनुमानजी शीध्र ही अयोध्या के लिए निकल पड़े। वहां पहुंचकर हनुमानजी सबसे पहले भरत के पास नंदीग्राम गए।  उस समय भरत सो रहे थे। हनुमानजी ने भरत को जगाया और कहा प्रभु श्री राम प्रयागराज पहुंच गए हैं और शीघ्र ही अयोध्या भी पहुंचने वाले हैं। ये खबर सुनकर भरत जी एक पागल की भांति पूरे अयोध्यावासी से कहने लगते हैं, मेरे और आपके प्रभु श्री राम अयोध्या वापस आ रहे हैं। यह सुनकर अयोध्या के लोगों का चेहरा खिल उठता है। रामायण के उत्तरकाण्ड में बताया गया है कि श्री राम के अयोध्या लौटने की सूचना मिलते ही वहां के प्रकृति में भी बहार आ गई। सूखी हुई सरयू नदी फिर से अविरल बहने लगी।

श्री राम अयोध्या लौट गए 

उसके बाद पूरी अयोध्या को दीयों की रोशनी से सजाया गया। भगवान श्री राम जिस रास्ते से होकर गुजरते वहां की प्रकृति का रंग ऐसा हो जाता मानों वह श्री राम के आने की खुशी में पटाखे फोड़ रहें हों। पेड़-पौधों पर लगे हुए फलों से दिव्य रोशनी निकलने लगी। देवी-देवता भी ऊपर से पुष्प बरसा रहे थे। उसके बाद श्री राम जब अयोध्या पहुंचे तो उन्होंने सबको गले लगाया। उसके बाद अयोध्या के लोग हमेशा खुश रहने लगे।

ये भी पढ़ें- Kojagari Puja 2024: 16 या 17 अक्टूबर, कब है कोजागरी पूजा? जानें तिथि और मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

 

HISTORY

Written By

Nishit Mishra

First published on: Oct 13, 2024 07:00 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें