Diwali 2025: भगवान राम माता सीता को रावण की कैद से छुड़ाने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे. धार्मिक मायन्ताओं के अनुसार, भगवान राम कार्तिक माह की अमावस्या को अयोध्या वापस आए थे इसी दिन को दिवाली के तौर पर मनाया जाता है. लेकिन घरों में दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है ऐसे में लोगों के मन में इसको लेकर सवाल आता है. जब दिवाली भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाते हैं तो इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा का क्या महत्व है?
जानें क्या है मान्यता?
दिवाली का पर्व मनाने को लेकर भगवान राम के अयोध्या लौटने की कहानी मानी जाती है. इसके साथ ही दिवाली का कारण समुद्र मंथन को माना जाता है. इस दिन देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था. समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. इस दिन कार्तिक माह की अमावस्या तिथि थी. हालांकि, कई कहानियों में मां लक्ष्मी का प्रकट दिवस शरद पूर्णिमा को माना जाता है.
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कार्तिक माह पर समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई इसी कारण दिवाली पर उनकी पूजा की जाती है. धार्मिंग ग्रंथों में ऐसा भी माना गया है कि, 14 मनुओं का समय बीतने और प्रलय के बाद नई सृष्टि का आरंभ दिवाली के दिन हुआ था. इस वजह से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मां लक्ष्मी की पूजा गणेश जी के साथ करने का विधान है ऐसे में दिवाली पर लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की जाती है. गणेश जी को सर्वप्रथम पूज्नीय भी माना जाता है.
कब है दिवाली 2025?
साल 2025 में दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. हालांकि, दिवाली की तारीख को लेकर अटकलें चल रही है. लेकिन पूजा शुभ मुहूर्त के मुताबिक, दिवाली 20 अक्टूबर को मनाना अधिक उचित माना जा रहा है.
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