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Diwali 2025: 20 या 21 अक्टूबर, कब है दिवाली? दूर करें कन्फ्यूजन और जानें सही तिथि

Diwali 2025 Date: हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। हालांकि इस बार अमावस्या तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं साल 2025 में 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर, किस दिन दिवाली मनाई जाएगी। साथ ही आपको लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में पता चलेगा।

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Oct 16, 2025 12:41
Diwali 2025
सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics

Diwali 2025 Date: सनातन धर्म के लोगों के लिए दिवाली का पर्व बेहद खास है, जिस पर्व की धूम त्योहार से कुछ दिन पहले ही देखने को मिल जाती है। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी लाइटों और कैंडल्स से सजाते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा की जाती है। साथ ही पटाखे फोड़े जाते हैं।

दिवाली से पहले छोटी दिवाली और धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है, जबकि दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाया जाता है। चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन दिवाली का पर्व मनाया जाएगा।

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दिवाली 2025 में कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में कार्तिक माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर को दोपहर में 03:45 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 21 अक्टूबर को शाम 05:55 मिनट पर होगा। 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि निशिता काल में है, जिस कारण इसी दिन दिवाली का पर्व मनाना शुभ रहेगा।

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20 अक्टूबर 2025 के मुहूर्त

  • अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:43 से शाम 12:28 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर में 01:59 से लेकर 02:45 मिनट तक
  • प्रदोष काल- शाम 05:33 से रात 08:08 मिनट तक
  • लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- शाम 06:56 से रात 08:04 मिनट तक
  • वृषभ काल- शाम 06:56 से रात 08:53 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त- देर रात 11:41 से अगले दिन की सुबह 12:31 मिनट तक

20 अक्टूबर 2025 के अशुभ मुहूर्त

  • राहुकाल- प्रात: काल 07:50 से लेकर सुबह 09:15 मिनट तक
  • गुलिक काल- दोपहर में 01:31 से लेकर 02:56 मिनट तक

दिवाली क्यों मनाते हैं?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग में कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर ही भगवान राम 14 साल के वनवास से वापस लौटे थे। अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। भगवान राम के वनवास से आने की खुशी में ही दिवाली का त्योहार मनाया जाता है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। दिवाली पर मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर भ्रमण करने के लिए धरती पर आती हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी अंक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 20, 2025 02:12 PM

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