---विज्ञापन---

Religion

इन दिनों में कभी न बनाएं शारीरिक संबंध, होता है भारी नुकसान

शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे भी दिन होते हैं, जिनमें पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाने चाहिए। माना जााता है कि इन दिनों में फिजिकल होने से व्यक्ति को कष्टों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां आने लगती हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 28, 2025 21:27
Astro Tips
इन दिनों बरतें संयम Credit- pexels

हिंदू शास्त्रों और परंपराओं में वैवाहिक जीवन और शारीरिक संबंधों को लेकर कई नियम और दिशानिर्देश दिए गए हैं। शास्त्रों में शारीरिक संबंध को न केवल वंश वृद्धि का माध्यम माना जाता है, बल्कि यह एक पवित्र और आध्यात्मिक बंधन का हिस्सा भी हैं। इस कारण कुछ खास दिन और अवसरों पर शारीरिक संबंध बनाने को वर्जित माना जाता है। जिससे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन बना रहे।

हिंदू धर्म में विवाह को एक पवित्र संस्कार माना जाता है और शारीरिक संबंध वैवाहिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं। मनुस्मृति के अनुसार शारीरिक संबंधों का उद्देश्य संतानोत्पत्ति और पारस्परिक प्रेम को बढ़ाना होता है। हालांकि, शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इन संबंधों को संयम और नियमों के साथ निभाना चाहिए। हालांकि कुछ खास दिनों में शारीरिक संबंध बनाने से मना किया गया है। आइए जानते हैं कि किन दिनों में संबंध बनाना शुभ नहीं माना जाता है?

---विज्ञापन---

एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा पर न बनाएं संबंध

पद्म और स्कंद पुराण में एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन शारीरिक संबंध बनाने को वर्जित माना गया है। इन दिनों को आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन उपवास और भक्ति में ध्यान देना चाहिए। अमावस्या और पूर्णिमा पर चंद्रमा की ऊर्जा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। इन दिनों में शारीरिक संबंध बनाने से मानसिक अशांति और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पद्म पुराण के अनुसार इन दिनों में संयम रखने से आध्यात्मिक उन्नति होती है।

पितृपक्ष के दिनों में

गरुड़ और विष्णु पुराण के अनुसार पितृपक्ष के दौरान शारीरिक संबंधों से बचना चाहिए। यह समय पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है। इस दौरान शारीरिक सुखों में लिप्त होना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इसे पितरों के प्रति असम्मान माना जाता है। पितृपक्ष में शारीरिक संबंध बनाने से पितृदोष या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हावी हो सकता है।

---विज्ञापन---

नवरात्रि और धार्मिक त्योहार

नवरात्रि, दीपावली, होली, और अन्य प्रमुख धार्मिक त्योहारों के दौरान शारीरिक संबंधों से बचना चाहिए। देवी भागवत पुराण में नवरात्रि को माता दुर्गा की उपासना का समय बताया गया है, जिसमें संयम और शुद्धता का पालन करना जरूरी है। इन दिनों में शारीरिक संबंध बनाने से आध्यात्मिक ऊर्जा कम हो सकती है। इसके अलावा, शिवरात्रि और रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहारों पर भी संयम बरतना चाहिए।

मासिक धर्म के दौरान

मनुस्मृति और आयुर्वेद के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। इस समय महिला का शरीर शारीरिक और हार्मोनल बदलावों से गुजरता है और शारीरिक संबंध बनाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। शास्त्रों में इसे अशुद्धता का समय माना गया है और इस दौरान शारीरिक संबंध बनाने से नकारात्मक आध्यात्मिक प्रभाव पड़ सकता है।

सूर्यास्त के बाद और दिन के समय

गृह्यसूत्र और कामसूत्र के अनुसार शारीरिक संबंध रात प्रथम प्रहर (शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक) में बनाने चाहिए। सूर्यास्त के तुरंत बाद और दिन के समय (विशेष रूप से दोपहर में) शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सूर्यास्त के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है, और दिन के समय यह कार्य अनुचित माना जाता है।

गर्भावस्था और प्रसव के बाद

आयुर्वेद और मनुस्मृति के अनुसार, गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में और प्रसव के बाद कम से कम 40 दिन तक शारीरिक संबंधों से बचना चाहिए। यह समय मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। शारीरिक संबंध बनाने से मां के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और यह शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकता है।

शोक और मृत्यु के समय

गरुड़ पुराण के अनुसार परिवार में मृत्यु होने पर कम से कम 13 दिन तक शारीरिक संबंधों से बचना चाहिए। यह समय शोक और पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है। इस दौरान शारीरिक सुखों में लिप्त होना अनुचित माना जाता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

ये भी पढ़ें- कुछ घंटों बाद बदल जाएगी इन 5 राशियों की तकदीर, सिंह में मंगल और केतु से मिलेंगे चंद्रमा

First published on: Jun 28, 2025 09:27 PM

संबंधित खबरें