आज यानी 2 मई 2025 से केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। आज से आने वाले 6 माह तक भक्तजन केदार बाबा के दर्शन कर पाएंगे। केदारनाथ मंदिर भारत की देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है, जिसे चार धाम और पंच केदार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। केदारनाथ को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है, जहां शिव जी की पूजा केदार बाबा के रूप में की जाती है।
हर साल भारी संख्या में भक्तजन केदार बाबा के दर्शन करने के लिए केदारनाथ पहुचंते हैं। हालांकि जो लोग किसी कारण केदार बाबा के दर्शन करने के लिए उत्तराखंड नहीं जा पा रहे हैं, वो घर पर ही पूरे विधि-विधान से शिव जी की पूजा कर सकते हैं। आइए जानते हैं घर पर ही कैसे आप केदार बाबा की पूजा करके शिव जी को प्रसन्न कर सकते हैं।
घर में कैसे करें केदार बाबा की पूजा?
आज ही अपने घर के मंदिर में ईशान कोण दिशा में पूरे विधि-विधान से शिवलिंग की स्थापना करें। इस दौरान मन ही मन केदार बाबा का स्मरण करें। मन में उनकी छवि को लाने का प्रयास करें। फिर शिवलिंग पर पीतल या तांबे के लोटे से जल, घी और दूध अर्पित करें। साथ ही बेलपत्र चढ़ाएं। शिव जी की आरती करने के बाद घर के सभी सदस्यों को भोग खिलाएं। नियमित रूप से यदि आप ऐसे केदार बाबा की पूजा करते हैं तो आपको भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।
#WATCH उत्तराखंड: श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
---विज्ञापन---इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/YESRNIgy43
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 2, 2025
शिवलिंग से जुड़े नियम
- शिवलिंग का आकार हाथ के अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए।
- खंडित शिवलिंग की स्थापना न करें।
- रोजाना शिवलिंग की सफाई करें।
- बार-बार शिवलिंग की जगह न बदलें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको वास्तु दोष लग सकता है।
- एक से अधिक शिवलिंग घर में नहीं रखने चाहिए।
- पूजा के दौरान शिवलिंग पर कभी भी तुलसी, हल्दी, सिंदूर और केतकी के फूल अर्पित नहीं करें।
- सोने, चांदी, मिट्टी या तांबे से बने शिवलिंग की ही घर में स्थापना करनी चाहिए।
- स्टील, लोहे या एल्युमीनियम से बना शिवलिंग घर में नहीं लाना चाहिए।
2025 में कब से शुरू हुई चारधाम यात्रा?
चारधाम यात्रा के दौरान यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन किए जाते हैं, जो अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित हैं। गंगोत्री धाम माता गंगा, यमुनोत्री धाम मां यमुना, बद्रीनाथ धाम जगत के पालनहार भगवान विष्णु और केदारनाथ धाम शिव जी को समर्पित है। इस साल 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के शुभ दिन यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए हैं। जबकि केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह 7 बजे खोले गए। अंत में 04 मई 2025 को सुबह 6 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।