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Chandra Grahan 2025: साल के आखिरी चंद्रग्रहण का हुआ आगाज, बंद कर दें ये काम

Chandra Grahan 2025: साल के आखिरी चंद्रग्रहण की शुरुआत हो चुकी है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण है। इस दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा। धार्मिक दृष्टि के चंद्रग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। आइए जानते हैं कि वे कौन से काम हैं, जिनको चंद्रग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इस दौरान कौन से काम करने चाहिए?

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Mohit Tiwari Updated: Sep 7, 2025 22:11
Chandra Grahan 2025
credit- @NASA

Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर 2025 को साल का आखिरी चंद्रग्रहण शुरू हो चुका है। यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण है, जिसे ‘ब्लड मून’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देता है। यह खगोलीय घटना भारत सहित कई देशों में दिखाई दे रही है। हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण के दौरान कई धार्मिक और पारंपरिक नियमों का पालन किया जाता है।

यह चंद्रग्रहण भारत के सभी प्रमुख शहरों जैसे नई दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और लखनऊ में दिखाई दे रहा है। इसके अलावा, यह यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर में भी दिखाई दे रहा है। साफ मौसम में इसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है, लेकिन दूरबीन या टेलीस्कोप से इसका नजारा और शानदार होगा।

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क्यों कहा जाता है ब्लड मून?

चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, और पृथ्वी की छाया (प्रच्छाया) चंद्रमा को पूरी तरह ढक लेती है। पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की गहरी छाया (उम्ब्रा) में प्रवेश करता है। ‘ब्लड मून’ का लाल रंग पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा सूर्य की किरणों के नीले रंग को छानने और लाल रंग को चंद्रमा तक पहुंचाने के कारण होता है। यह घटना आंखों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और इसे देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की जरूरत नहीं होती, जैसा कि सूर्य ग्रहण में होता है।

क्या हैं धार्मिक मान्यताएं?

हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण को राहु-केतु के प्रभाव से जोड़ा जाता है और इसे अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान चंद्रमा को राहु ग्रसित कर लेता है। इस कारण ग्रहण से 9 घंटे पहले ही दोपहर 12:58 बजे से सूतक काल लागू हो चुका है। इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव माना जाता है।

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ग्रहण के दौरान क्या करें?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण के दौरान कुछ कार्य करने से नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

ग्रहण के समय शांति और आध्यात्मिकता बनाए रखने के लिए भगवान विष्णु, शिव या चंद्र देव के मंत्रों का जप करें। महामृत्युंजय मंत्र या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ जैसे मंत्रों का जप विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। यह मन को शांत रखने और नकारात्मक ऊर्जा से बचने में मदद करता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगाजल छिड़ककर सफाई करें और स्नान करें। यह न केवल शारीरिक, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। मंदिर या पूजा स्थल की सफाई भी करें। ग्रहण के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है। अनाज, वस्त्र या धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। यदि स्वास्थ्य अनुमति दे, तो ग्रहण के दौरान उपवास रखें। यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हालांकि, बीमार लोग, बच्चे और बुजुर्ग भोजन कर सकते हैं, बशर्ते यह ग्रहण से पहले तैयार किया गया हो।

न करें ये कार्य

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण और सूतक काल में कुछ कार्यों से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।

ग्रहण और सूतक काल के दौरान भोजन बनाना, खाना या पानी पीना वर्जित है। मान्यता है कि इस समय भोजन अशुद्ध हो सकता है। नॉन-वेज, शराब और तंबाकू का सेवन पूरी तरह से निषेध है। ग्रहण से पहले भोजन तैयार कर लें और उसे ढककर रखें। इस दौरान सोना, मालिश करना, बाल कंघी करना या यौन संबंध बनाना अशुभ माना जाता है। ये कार्य नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं, इसलिए इनसे बचें। तुलसी, पीपल, बरगद के पेड़, मूर्तियां, तुलसी पत्र या पवित्र ग्रंथों को छूने से बचें। मान्यता है कि ग्रहण के समय इनका स्पर्श अशुभ प्रभाव डाल सकता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही बाहर निकलना चाहिए। कैंची, सुई या चाकू जैसे नुकीले औजारों का उपयोग न करें, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इससे गर्भ में शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। घर में रहें और भोजन से बचें।

ग्रहण के दौरान पूजा, हवन, मंदिर जाना या कोई नया कार्य शुरू करना वर्जित है। मंदिरों के कपाट इस समय बंद रहते हैं। शुभ कार्यों के लिए ग्रहण समाप्त होने तक प्रतीक्षा करें। कुछ धार्मिक मान्यताओं में बच्चों, बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को ग्रहण न देखने की सलाह दी जाती है। हालांकि, वैज्ञानिक रूप से इसे देखना सुरक्षित है, लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से सावधानी बरतें।

चंद्रग्रहण 2025 का समय और चरण

चरणसमय (IST)अवधि
उपच्छाया से पहला स्पर्शरात 8:59 बजे5 घंटे 24 मिनट 37 सेकंड
प्रच्छाया से पहला स्पर्शरात 9:58 बजे3 घंटे 28 मिनट 02 सेकंड
खग्रास प्रारंभरात 11:01 बजे1 घंटा 21 मिनट 27 सेकंड
परमग्रास चंद्रग्रहणरात 11:42 बजे
खग्रास समाप्तदेर रात 12:22 बजे
प्रच्छाया से अंतिम स्पर्शदेर रात 1:26 बजे
उपच्छाया से अंतिम स्पर्शसुबह 2:24 बजे
चंद्रग्रहण का परिमाण1.36
उपच्छाया चंद्रग्रहण का परिमाण2.34

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Sep 07, 2025 10:11 PM

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