Chanakya Niti: मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो अकेला नहीं रह सकता है। उसे कहीं न कहीं किसी न किसी समय नौकर, मित्र, परिजन और एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होती ही है। हालांकि जीवन में कभी भी किसी भी वजह से किसी भी रिश्ते में दरार आ सकती है। ऐसे में आप अगर सोच-समझकर अपने रिश्ते बनाएंगे, तो उनके टूटने की संभावना कम है। आज हम आपको ‘चाणक्य नीति शास्त्र’ में लिखित उन खास तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर समय आने पर आप अपने दोस्तों, नौकर, पत्नी और रिश्तेदारों को परख सकते हैं। इससे आपको पता चल जाएगा कि जिन लोगों की आपकी जिंदगी में अहम जगह है, वो भी क्या आपको अपना मानते हैं या नहीं?
सच्चे दोस्त की इस तरह करें पहचान
विपत्ति व बीमारी के समय सच्चे मित्र की पहचान होती है। मुश्किल घड़ी में अगर आपका दोस्त आपका साथ निभाता है, तो ऐसे मित्र का साथ जीवन में कभी नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि उनकी जिंदगी में आपकी अहम जगह है और ये बात उन्होंने आपका साथ निभाकर साबित कर दी।
ये भी पढ़ें- Chanakya Niti: पैसों को इकट्ठा करना भी पड़ सकता है भारी, मां लक्ष्मी हो जाती हैं नाराज!
रिश्तेदारों की असली पहचान कब होती है?
दुःख के समय में रिश्तेदारों की असली परीक्षा होती है। उस समय अगर वह आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं, तो आपको समझ जाना चाहिए कि उन्हें सही में आपकी फिक्र है। उनकी जिंदगी में भी आप उतनी ही अहमियत रखते हैं, जितनी कि आपकी जिंदगी में उनकी है।
“जब व्यक्ति मित्र और शत्रु में भेद करना भूल जाये तो समझ लो उसने पतन की ओर कदम बढ़ा लिया है।”
~ आचार्य कौटिल्य#चाणक्यनीति #chanakyaniti#kautilya #MotivationalQuotes #Motivation #LifeLessons pic.twitter.com/rzTaQbnP5M— Radheshyam Kewat (@Radheshyamk25) February 11, 2024
अच्छी पत्नी की पहचान क्या है?
गरीबी यानी पैसों की कमी आने पर सच्ची पत्नी की पहचान होती है। संकट के समय में भी आपकी पत्नी आपका उस तरह साथ निभाती हैं, जब आप धनवान थे, तो आप बहुत भाग्यशाली हैं।
नौकर की इस तरह लें परीक्षा
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी विशेष अवसर पर काम करने के लिए सेवक को कहीं भेजा जाए, तभी उसकी ईमानदारी की सच्ची परीक्षा होती है। उस समय अगर वह उस काम को मना कर देता है, तो वह आपकी परीक्षा में फेल हो जाएगा।
‘नीति शास्त्र’ में किन बातों का किया गया है उल्लेख?
आचार्य चाणक्य को देश का एक महान राजनेता माना जाता है। जिन्होंने अपने जीवनकाल में कई असहाय लोगों की निस्वार्थ भाव से मदद की है। मरने के बाद भी वह लोगों की मदद कर सकें। इसके लिए उन्होंने ‘आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र’ किताब की रचना की थी। इस किताब में उन्होंने बहुत ही सरल भाषा में करियर, प्यार, नौकरी, सेहत, व्यवहार, आदतें और धन से जुड़ी अच्छी और बुरी दोनों बातों का उल्लेख किया है।
ये भी पढ़ें- Chanakya Niti: पत्नी-बच्चों की इस तरह लें परीक्षा, मिनटों में पता चलेगी असलियत!
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।