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Bhanu Saptami 2025: 19 या 20 अप्रैल, कब है भानु सप्तमी? जानें तिथि और सूर्य देव की पूजा का शुभ मुहूर्त

हर साल शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी का पर्व मनाया जाता है, जिस दिन सूर्य देव की पूजा करना शुभ माना जाता है। हालांकि इस बार सप्तमी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं साल 2025 में 19 या 20 अप्रैल, किस दिन भानु सप्तमी का व्रत रखा जाएगा। साथ ही आपको सूर्य देव की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में भी पता चलेगा।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Apr 6, 2025 12:40
Bhanu Saptami 2025
भानु सप्तमी की पूजा विधि

भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए भानु सप्तमी का व्रत रखना शुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य का प्रकाश जब धरती पर पड़ा था, तो उस दिन शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि थी। इसलिए हर साल इस तिथि पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत रखना शुभ माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों के राजा का स्थान दिया गया है, जो आत्मा, मान-सम्मान, ऊर्जा और सकारात्मकता के कारक हैं। जिन लोगों के ऊपर सूर्य देव मेहबान होते हैं या जिन जातकों की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति बेहद मजबूत होती है, उन्हें जीवन का हर सुख मिलता है। साथ ही समाज में व्यक्ति का नाम होता है और कभी भी उसके आत्मविश्वास में कमी नहीं आती है। चलिए जानते हैं वर्ष 2025 में किस दिन भानु सप्तमी का व्रत रखा जाएगा।

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2025 में कब है भानु सप्तमी?

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस बार सप्तमी तिथि का आरंभ 19 अप्रैल 2025, दिन शनिवार को शाम 06 बजकर 21 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 20 अप्रैल 2025, दिन रविवार को शाम 07 बजे होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 20 अप्रैल 2025 को भानु सप्तमी का व्रत रखा जाएगा।

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20 अप्रैल 2025 के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04:02 से लेकर 04:46 मिनट तक
  • अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:31 से लेकर दोपहर 12:23 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर में 02:06 से लेकर 02:57 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम में 06:22 से लेकर 06:44 मिनट तक
  • सायाह्न सन्ध्या- शाम में 06:23 से लेकर 07:30 मिनट तक
  • अमृत काल- सुबह में 06:43 से लेकर 08:24 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त- देर रात 11:34 से लेकर अगले दिन प्रात: काल 12:19 मिनट तक

भानु सप्तमी की पूजा विधि

  • व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। स्नान आदि कार्य करने के बाद नारंगी रंग के शुद्ध कपड़े धारण करें।
  • सूर्य की किरणों को देखकर प्रणाम करें।
  • सूर्य देव को तांबे के पात्र से अर्घ्य दें। पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन, अक्षत और लाल फूल डालें। इस दौरान सूर्य मंत्रों का जाप करें।
  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
  • सूर्य देव को लाल चंदन, लाल फूल, धूप, नैवेद्य और अक्षत आदि अर्पित करें।
  • भानु सप्तमी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
  • घी का दीपक जलाएं और सूर्य देव की आरती उतारें।
  • किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं।
  • गाय को हरा चाला खिलाएं।
  • दिन खत्म होने से पहले जरूरतमंद लोगों को धन, भोजन या वस्त्र का दान दें।
  • मीठे भोजन से व्रत का पारण करें। व्रत वाले खाने में नमक का इस्तेमाल न करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Apr 06, 2025 12:40 PM

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