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शनि से बचने को अपनाएं धीरेंद्र शास्त्री के ये 3 उपाय, हर काम में मिलेगी सफलता!

Shaniwar Ke Upay: शनि देव को नवग्रहों में सबसे ज्यादा क्रूर ग्रह माना जाता है। जब शनि देव किसी व्यक्ति से नाराज होते हैं या उनकी वक्र दृष्टि किसी इंसान पर पड़ती है, तो उसका जीवन परेशानियों से घिर जाता है। कड़ी मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। चलिए बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र शास्त्री से जानते हैं शनि दोष के लक्षण और निवारण के उपायों के बारे में।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Jun 19, 2024 16:51
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Shaniwar Ke Upay

Shaniwar Ke Upay: धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनिवार का दिन हनुमान जी और शनि देव को समर्पित होता है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति अच्छी होती है, तो उसे धन, संपत्ति, नाम, मान-सम्मान, ऐश्वर्या और जीवन का हर सुख मिलता है। उसे कभी भी किसी चीज की परेशानी नहीं होती है। वहीं, जब किसी व्यक्ति पर शनि देव की वक्र दृष्टि पड़ती है, तो उसका जीवन धीरे-धीरे परेशानियों से भर जाता है। उसके बनते-बनते काम बिगड़ने लगते हैं। ऐसे में शनिवार के दिन कुछ खास उपाय करने से शनि दोष से बचा जा सकता है।

आइए जानते हैं शनि दोष के लक्षण और शनि देव को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र शास्त्री से।

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शनि दोष के लक्षण

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब कुंडली में शनि की स्थिति खराब होती है, तो व्यक्ति हर समय परेशान रहता है। उसे किसी न किसी चीज की चिंता हर वक्त रहती है।
  • शनि की अशुभ स्थिति से व्यक्ति को हर समय गुस्सा आता है। किसी भी काम को करने का मन नहीं करता है और हर समय वो उदास व दुखी रहता है।
  • कुंडली में शनि दोष होने पर व्यक्ति को जीवन में कभी भी सफलता नहीं मिलती है। इसके अलावा सेहत भी खराब रहती है।

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शनि की वक्र दृष्टि से बचने के उपाय

  • पंडित धीरेंद्र शास्त्री बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को शनिदेव को प्रसन्न करना है, तो इसके लिए उसे शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए। सुबह और शाम दोनों समय हनुमान जी की आराधना करें। साथ ही उन्हें सिंदूर अर्पित करें। इस उपाय को करने से कुंडली में शनि का बुरा प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
  • शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद एक लोटे में जल, दूध और चीनी डालकर, उसे बरगद के पेड़ पर अर्पित कर दें। इस उपाय को करने से आपको शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।
  • पंडित धीरेंद्र शास्त्री बताते हैं कि शनि देवता को कर्म भाव का स्वामी माना जाता है। अगर आपको शनि देव को प्रसन्न करना है या उनकी वक्र दृष्टि से बचना है, तो इसके लिए सबसे सरल उपाय है कि आप अच्छे कर्म करें। ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करें। किसी को भी गलत न बोलें और गुस्सा न करें। अगर आप इन सभी चीजों को अपनी आदतों में शामिल करते हैं, तो आपको शनि के बुरे प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री कौन हैं?

पंडित धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश होने के साथ-साथ कथावाचक भी हैं। जिन्होंने मात्र 27 साल की उम्र में देश ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्धि हासिल की है। आज के समय में दुनियाभर में उनके बड़ी संख्या में भक्त हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में हर बार बड़ी संख्या में लोग अपनी परेशानियों को लेकर आते हैं। दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री कथा सुनाने के साथ-साथ एक पर्चे पर लोगों की परेशानियों का समाधान भी लिख देते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Jun 19, 2024 04:51 PM

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