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Religion

आषाढ़ माह में इन देवों की पूजा से होगी जीवन में तरक्की, लंका विजय के लिए भगवान श्रीराम ने की थी इस देव की पूजा

Ashadha Month Significance: सनातन संस्कृति में आषाढ़ माह को न केवल कृषि कार्यों बल्कि धार्मिक कारणों से भी विशेष महत्वपूर्ण माना गया है। आइए जानते हैं, इस महीने किन-किन देवताओं की खास उपासना की जाती है और उनसे क्या पुण्य-फल प्राप्त होते हैं?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 28, 2024 19:15
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Ashadha Month Significance: हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ हिन्दू वर्ष का चौथा महीना है, जिसे सनातन संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस माह की शुरुआत सूर्यदेव के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ होती है। मान्यता है कि आर्द्रा नक्षत्र के पहले दिन धरती रजस्वला होती है। इस दिन के बाद से कृषि कार्यों की शुरुआत होती है। ये सभी तथ्य आषाढ़ माह के महत्व को स्थापित करती हैं। आइए जानते हैं, इस महीने किन देवों की विशेष पूजा और आराधना से मनुष्य मात्र की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और करियर और व्यापार में विशेष तरक्की होती है?

कब से कब तक है आषाढ़ 2024?

हिंदू पंचांग के मुताबिक, आषाढ़ माह की प्रतिपदा यानी प्रथमा (पहली) तिथि 23 जून यानी कल थी। वहीं, इस माह का समापन 21 जुलाई 2024 को होगा। इस प्रकार इस साल आषाढ़ माह कुल 29 दिन का होगा। आइए जानते हैं, इस महीने किन देवों की विशेष पूजा और आराधना से मनुष्य मात्र की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, करियर और व्यापार में विशेष तरक्की होती है और शत्रुओं पर जीत हासिल होती है?

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ये हैं आषाढ़ माह के देवता

पुराणों के वर्णन और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ महीने में 3 देवताओं की पूजा और गुरु की उपासना से विशेष लाभ होता है। ये देवता हैं, भगवान विष्णु और उनके अवतार महाप्रभु जगन्नाथ और वामन देवता, जल के देवता वरुण और सूर्य देव। गुरु की महत्ता को हिन्दू धर्म में सर्वोपरि माना गया है। यही कारण है कि आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुरु की पूजा करने से करियर में विशेष तरक्की होती है।

भगवान विष्णु की पूजा

स्कंद पुराण के अनुसार, आषाढ़ माह भगवान विष्णु को समर्पित है। इस माह में उनके जगन्नाथ अवतार की पूजा से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। कहते हैं, जगन्नाथ रथयात्रा को खींचने वाली रस्सी को छूने मात्र से व्यक्ति के मोक्ष का मार्ग खुल जाता है। संतान प्राप्ति के लिए इस माह में भगवान विष्णु की पूजा से मनोरथ पूर्ण होता है। इस महीने के गुरुवार को भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा से घर धन-धान्य से भर जाता है और तेजस्वी संतान की प्राप्ति होती है।

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जल देवता वरुण की उपासना

भारत कृषि प्रधान देश है, जो जल के बिना संभव नहीं है। हिन्दू धर्म में बादल और वर्षा का देवता इंद्र को माना गया है, लेकिन जल का संपूर्ण स्वामित्व भगवान वरुण को दिया गया है। मान्यता है कि आषाढ़ माह में जल देव वरुण की उपासना करने से फसल बहुत अच्छी होती है। कहते हैं, उनकी आराधना से खूब धन की प्राप्ति होती है।

सूर्यदेव की आराधना

आषाढ़ माह के सबसे महत्वपूर्ण देवता भगवान सूर्य माने गए हैं। वे प्रत्यक्ष देव हैं, जिनका साक्षात दर्शन होता है। मौसम की गतिविधियां और धरती की नमी को वे सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। भविष्य पुराण के मुताबिक, आषाढ़ माह के रविवार और सप्तमी तिथि को सूर्य व्रत रखने से करियर और व्यापार में तरक्की होती है। उनको जल का अर्घ्य देने शत्रुओं और विरोधियों की हार होती है। आत्मिक बल यानी आत्मविश्वास बढ़ता है और बीमारियां दूर होती हैं।

भगवान श्रीराम ने की थी सूर्य पूजा

वाल्मीकि रामायण के एक प्रसंग के अनुसार, जब भगवान श्रीराम लंका विजय के लिए जाने वाले थे, तब उन्होंने आषाढ़ के महीने में भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दिया था। कहते हैं, इससे उन्हें लंका विजय करने में मदद मिली थी। इसलिए माना जाता है कि इस माह में सूर्य को जल अर्पित करने से जीवन में सम्मान और सफलता मिलती है और मुश्किलों पर जीत हासिल होती है। न केवल विरोधी और दुश्मन परास्त होते हैं, बल्कि सुख-शांति और समृद्धि में भी वृद्धि होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 24, 2024 02:13 PM

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