---विज्ञापन---

Religion

Amla Navami 2025: कब है आंवला नवमी? इसी दिन से मानी जाती है सतयुग की शुरुआत, जानें महत्व और पूजा विधि

Amla Navami 2025: पंचांग के मुताबिक, कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है. आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं. इस साल आंवला नवमी किस तारीख को मनाई जाएगी चलिए जानते हैं.

Author Written By: Aman Maheshwari Author Published By : Aman Maheshwari Updated: Oct 28, 2025 11:33
Amla Navami 2025

Amla Navami 2025: हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है. आंवला नवमी का व्रत देवउठनी एकादशी से पहले मनाया जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि, इसी दिन से सतयुग की शुरुआत हुई थी. आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहते हैं. आंवला नवमी पर आंवला वृक्ष की पूजा करना शुभ होता है. मान्यताओं के अनुसार, आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है.

कब है आंवला नवमी? (Amla Navami 2025 Date)

आंवला नवमी कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को आंवला नवमी तिथि को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, इस तिथि का आरंभ 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर हो रहा है जिसका समापन अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 3 मिनट पर होगा. धर्म शास्त्रों के मुताबिक, उदया तिथि को अधिक मान्यता दी जाती है. ऐसे में आंवला नवमी का व्रत उदया तिथि को महत्व देते हुए 31 अक्टूबर को होगा.

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें – Tulsi Vivah 2025: कब है तुलसी विवाह? जानें पूजा विधि और महत्व, इस उपाय को करने से मिलेगा कन्यादान के समान पुण्य

आंवला नवमी का महत्व (Amla Navami Significance)

आंवला नवमी के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. अगर आप स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. ऐसा करने से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य फल की प्राप्ति होती है. आंवले के पेड़ में साक्षात भगवान विष्णु का वास माना जाता है. इस वृक्ष का धार्मिक और आध्यात्मिक के साथ ही औषधीय महत्व भी है. यह पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है.

---विज्ञापन---

आंवला नवमी पूजा विधि (Amla Navami Puja Vidhi)

आंवला नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें. इसके बाद साफ कपड़े पहनें. पूजा स्थल को साफ करके भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. भगवान को फूल, तुलसी दल, दीपक, धूप आदि अर्पित करें. “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:” मंत्र का जाप करें. आप आंवले के वृक्ष की पूजा अवश्य करें. अगर संभव हो तो आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करें.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 28, 2025 11:33 AM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.