Akshay Tritiya 2025: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। साल 2025 में यह तिथि 30 अप्रैल 2025 को है। इस दिन को भारतीय परंपराओं में शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इसे ‘अबूझ मुहूर्त’ के रूप में जाना जाता है। इस दिन किए गए सकारात्मक कार्यों का फल अविनाशी (अक्षय) होता है। अक्षय तृतीया की रात विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है। इस रात को धन, समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित करने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन से उपाय हैं, जो इस दिन किए जा सकते हैं।
लक्ष्मी-गणेश की पूजा
अक्षय तृतीया की रात का सबसे प्रभावशाली उपाय माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करना है। माता लक्ष्मी धन की देवी और भगवान गणेश समृद्धि के देवता है। इस उपाय के लिए शाम को स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। एक छोटा सा पूजा स्थल बनाएं, जहां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या चित्र रखें। घी का दीपक जलाएं और फूल, मिठाई और थोड़ा सा गुड़ चढ़ाएं। गणेश जी के लिए ‘ॐ गं गणपतये नमः’ और लक्ष्मी जी के लिए ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 21-21 बार जाप करें। यह पूजा आर्थिक स्थिरता लाती है और जीवन की बाधाओं को दूर करती है। अगर संभव हो, तो दीपक को रात भर सुरक्षित जलने दें, क्योंकि यह निरंतर समृद्धि का प्रतीक है।
सिक्के को करें उपाय
एक चांदी का सिक्का लें और उस पर चुटकी भर हल्दी लगाएं। इस सिक्के को अपने पर्स या तिजोरी में रखें। इसके अलावा, एक छोटे लाल कपड़े में सात दाने चावल और एक सुपारी रखकर उसे बांध लें। इस पोटली को अपनी तिजोरी या लॉकर में रखें। माना जाता है कि यह उपाय स्थिर आय को आकर्षित करता है और अनावश्यक खर्चों को रोकता है। अगर चांदी का सिक्का न हो तो आप नॉर्मल सिक्का भी ले सकते हैं।
बनाएं रंगोली
घर में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए रात को मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं और एक दीपक जलाएं। घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में गंगाजल छिड़कें और तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें। दीपक को घी में थोड़ा सा कपूर मिलाकर जलाएं, क्योंकि यह वातावरण को शुद्ध करता है। यह उपाय घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और नकारात्मकता को दूर करता है।
मुख्य द्वार पर बनाएं स्वास्तिक
रात को घर के मुख्य द्वार पर लाल कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। इसके पास एक छोटा सा दीपक जलाएं। यह स्वास्तिक सौभाग्य और सुरक्षा का प्रतीक है। इसके साथ ही अपने पूजा स्थल पर एक छोटा सा यंत्र (जैसे श्री यंत्र) रखें और उसकी पूजा करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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