Agni Nakshatram Festival: भगवान कार्तिकेय को समर्पित ‘अग्नि नक्षत्रम’ (Agni Nakshatram) त्यौहार आज से आरंभ हो रहा है। अग्नि नक्षत्रम त्यौहार जीवन में साहस, पराक्रम, सम्मान और सुख-समृद्धि से जुड़ा है। इस त्यौहार के दौरान भगवान कार्तिकेय की आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। 25 दिनों तक मनाया जाने वाला यह त्यौहार साल 2024 में 4 मई से 28 मई तक मनाया जाएगा। भगवान कार्तिकेय दक्षिण भारत के एक सबसे प्रमुख देवता हैं, इसलिए अग्नि नक्षत्रम त्यौहार दक्षिणी राज्यों में विशेष तौर पर मनाया जाता है।
देवताओं के सेनापति हैं कार्तिकेय
भगवान कार्तिकेय को दक्षिण भारत में ‘मुरुगन’, ‘स्कंद’ और ‘सुब्रमण्यम’ कहते हैं। वे भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। उनका साहस और पराक्रम सभी देवताओं में श्रेष्ठ होने के कारण उन्हें देवताओं की सेना का सेनापति बनाया गया है। आइए जानते हैं, अग्नि नक्षत्रम त्यौहार में किए जाने वाले कुछ उपाय, जिनसे साहस, पराक्रम और आत्मविश्वास बढ़ता है। ये गुण जिंदगी के संघर्ष और मुश्किलों को हल करने के लिए जरूरी हैं।
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अग्नि नक्षत्रम में किए जाने वाले उपाय
मोर पंख के उपाय: अग्नि नक्षत्रम त्यौहार के दौरान भगवान कार्तिकेय की विधिवत पूजा करें और उनको 5 मोर पंख अर्पित करें। मोर भगवान कार्तिकेय की सवारी है। यह पंख अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और आर्थिक उन्नति और जीवन सुखमय बनाने के लिए स्वयं के साहस और पराक्रम से लक्ष्य पाने का आशीर्वाद देते हैं।
प्रतीकात्मक वेल के उपाय: मंगलवार के दिन भगवान कार्तिकेय को प्रतीकात्मक तांबे का वेल यानी भाला अर्पित करें। इसे आप आभूषण बनाने वाले स्वर्णकार से बनवा सकते हैं। वेल भगवान कार्तिकेय का मुख्य अस्त्र है, जिससे वे राक्षसों और दुष्टों का संहार करते हैं। वेल अर्पित करने से शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ती है। जीवन में किसी प्रकार का भय नहीं रहता है। यह उपाय करने से शत्रु भयभीत रहते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।