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Vishnu Ji Ki Aarti in Hindi: ओम जय जगदीश हरे… देवउठनी एकादशी पर पढ़ें विष्णु जी की आरती, मिलेगा मनोवांछित फल

Vishnu Ji Ki Aarti in Hindi: सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु को प्रसन्न करना बेहद आसान है. खासकर, श्रीहरि को समर्पित व्रत-त्योहार के दिन पूजा और आरती करके उन्हें खुश किया जा सकता है. चलिए जानते हैं विष्णु जी की आरती के सही लिरिक्स के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Oct 30, 2025 09:24
Vishnu Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi
Credit- News24 Graphics

Vishnu Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: विष्णु जी, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें नारायण और हरि के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा विष्णु जी के करीब 108 और नाम भी हैं, जिनके पीछे की अपनी प्राचीन कथा है. त्रिमूर्ति का हिस्सा माने जाने वाले विष्णु जी को ब्रह्मांड का संरक्षक और पालनकर्ता माना जाता है. प्राचीन काल में जब-जब धर्म का पतन और अधर्म की वृद्धि हुई, तब-तब वह दुष्टों का नाश और धर्म की स्थापना करने के लिए विभिन्न अवतारों में पृथ्वी पर आते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिन लोगों के ऊपर विष्णु जी की विशेष कृपा होती है, उनके जीवन में खुशहाली, धन, वैभव, एकता, सुख और समृद्धि का स्थायी वास होता है. साथ ही सोचे हुए काम बिना देरी किए पूर्ण हो जाते हैं.

विष्णु जी की पूजा मुख्यतौर पर गुरुवार के दिन की जाती है. इसके अलावा राम नवमी, ओणम, निर्जला एकादशी, बैकुंठ चतुर्दशी, फाल्गुन पूर्णिमा और देवउठनी एकादशी आदि व्रत-त्योहार के दिन भी उपासना करना शुभ होता है. विष्णु जी की पूजा में उनकी आरती करना भी शुभ होता है. इससे न सिर्फ नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है, बल्कि मनोवांछित फल भी मिलता है. आइए अब जानते हैं विष्णु जी की सही और संपूर्ण आरती के बारे में.

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भगवान विष्णु जी की आरती (Vishnu Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

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ॐ जय जगदीश हरे…

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।

स्वामी दुःख विनसे मन का।

सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे…

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी।

स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥

ॐ जय जगदीश हरे…

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

स्वामी तुम अन्तर्यामी।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे…

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।

स्वामी तुम पालन-कर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे…

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

स्वामी सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे…

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

स्वामी तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे…

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा।

स्वामी पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, संतन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे…

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।

स्वामी जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

ॐ जय जगदीश हरे…

विष्णु जी की कैसे करें पूजा? (Vishnu Ji Ki Puja Vidhi)

विष्णु जी की पूजा करने के लिए प्रात: काल उठें. स्नान आदि कार्य करने के बाद पीले रंग के कपड़े धारण करें. घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें. फिर मंदिर में एक चौकी रखें. उसके ऊपर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. घी का दीपक जलाकर मंत्रों का जाप करते हुए उन्हें चंदन, वस्त्र, फल, फूल, तुलसी दल और मिठाई अर्पित करें. विष्णु चालीसा का पाठ करने के पश्चात आरती करके पूजा का समापन करें.

श्रीहरि का प्रिय रंग (Vishnu Ji Ka Priya Rang)

श्रीहरि को पीतांबरधारी भी कहा जाता है, क्योंकि वो पीले वस्त्र धारण करते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, विष्णु जी का प्रिय रंग पीला है, जो कि भक्ति, ज्ञान, सुख और समृद्धि का प्रतीक है.

विष्णु जी के मंत्र (Vishnu Ji Mantra)

  • ॐ रां रामाय नमः
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
  • शांताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्
  • हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 30, 2025 09:24 AM

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