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Utpanna Ekadashi Ki Aarti: उत्पन्ना एकादशी के दिन जरूर पढ़ें ये आरती, पूरी होगी हर इच्छा

Utpanna Ekadashi Ki Aarti In Hindi: हर साल मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाता है, जिस दिन आरती करना भी शुभ होता है. चलिए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी के महत्व और आरती के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Nov 13, 2025 15:19
Utpanna Ekadashi Ki Aarti
Credit- Social Media

Utpanna Ekadashi Ki Aarti Lyrics In Hindi: हिंदुओं के लिए साल में आने वाली सभी 24 एकादशी का खास महत्व है, जिस दिन व्रत और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना शुभ होता है. इन 24 एकादशी में से उत्पन्ना एकादशी को भी पूजा-पाठ के लिए काफी लाभकारी माना जाता है, जिस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल मार्गशीर्ष माह यानी अगहन महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाता है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा-पाठ के अलावा आरती करना भी शुभ होता है. इससे न सिर्फ पुण्य मिलता है, बल्कि पापों से भी मुक्ति मिलती है. यहां पर उत्पन्ना एकादशी की आरती पढ़ सकते हैं.

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उत्पन्ना एकादशी की आरती (Utpanna Ekadashi Ki Aarti In Hindi)

ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता।।
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी।।
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।।
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है।
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै।।
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै।।
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी।
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की।।
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली।
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली।।
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।।
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी।।
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा, आनन्द से रहिए।।
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।।
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी।।
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया।।
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी।।
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।।

उत्पन्ना एकादशी पर जपें ये मंत्र, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद (Utpanna Ekadashi Mantra)

  • ॐ विष्णवे नमः
  • ॐ अं वासुदेवाय नमः
  • ॐ अं अनिरुद्धाय नमः
  • ॐ नमो नारायण. श्री मन नारायण नारायण हरि हरि.
  • श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे. हे नाथ नारायण वासुदेवाय.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 13, 2025 03:18 PM

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