Mata Sita Aarti Lyrics in Hindi: माता सीता की पूजा का खास महत्व होता है. दांपत्य जीवन में सुख, संतान सुख, आर्थिक समृद्धि और आध्यात्मिक शांति के लिए भक्तों को माता सीता की पूजा अर्चना करनी चाहिए. माता सीता की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-शांति आती है. माता सीता की पूजा के साथ ही उनकी आरती अवश्य करनी चाहिए. माता सीता का आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. आप यहां से माता सीता की आरती के लिरिक्स पढ़ सकते हैं.
माता सीता की आरती (Aarti Shri Janak Dulari Ki Lyrics in Hindi)
आरती श्री जनक दुलारी की,
सीता जी रघुवर प्यारी की।
जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामयी दिनोधारिणी,
सीता मैया भक्तन हितकारी की।
आरती श्री जनक दुलारी की,
सीता जी रघुवर प्यारी की।
सती श्रोमणि पति हित कारिणी,
पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,
त्याग धर्म मूर्ति धरी की।
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आरती श्री जनक दुलारी की,
सीता जी रघुवर प्यारी की।
विमल कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पवन मति आई,
सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,
शरणागत जन भय हरी की।
आरती श्री जनक दुलारी की,
सीता जी रघुवर प्यारी की।
माता सीता पूजा विधि (Mata Sita Puja Vidhi)
माता सीता की पूजा के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें. स्नान कर साफ वस्त्र पहन लें और गंगाजल से पूजा स्थल को शुद्ध करें. लकड़ी की चौकी लगाएं और माता सीता और भगवान श्रीराम की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद माता सीता को रोली, चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीपक आदि अर्पित करें. माता सीता की आरती करें और फल-मिठाई का भोग लगाएं. पूजा के बाद भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










