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Mangal Chalisa। मंगल चालीसा: जय मंगल ग्रह मुनि पूजित… Mangal Dev Chalisa Lyrics In Hindi

Mangal Chalisa In Hindi: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह का खास महत्व है, जो कि साहस, ऊर्जा, शक्ति, भाईचारे, भूमि, जोश, युद्ध, रक्तचाप और पराक्रम का प्रतिनिधित्व करते हैं. यदि आप भी मंगल देव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो नियमित रूप से उन्हें समर्पित चालीसा का पाठ करें. यहां पर आप मंगल चालीसा के सही लिरिक्स पढ़ सकते हैं.

Author Written By: Nidhi Jain Updated: Nov 20, 2025 13:47
Mangal Chalisa Lyrics In Hindi
Credit- Social Media

Mangal Chalisa Lyrics In Hindi: मंगल ग्रह यानी मंगल देव को नवग्रहों का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के सेनापति का स्थान प्राप्त है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत स्थिति में सही स्थान पर विराजमान होते हैं, उनके आत्मविश्वास में कभी भी कमी नहीं आती है. व्यक्ति हर युद्ध को जीतता है और कभी भी हार नहीं मानता है. इसके अलावा दोस्तों व भाई से रिश्ता मजबूत रहता है. मंगल ग्रह की कृपा से व्यक्ति की त्वचा में निखार आता है और फोड़-फुंसी की समस्या नहीं होती है.

मंगल ग्रह को खुश करना बहुत आसान है. नियमित रूप से मंगल चालीसा का पाठ करके मंगल ग्रह की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. आइए जानते हैं मंगल चालीसा के सही लिरिक्स और लाभ आदि के बारे में.

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मंगल चालीसा (Mangal Chalisa)

॥दोहा॥

जय-जय मंगल मोर, कृपा करो गुरु देव।
संकट सब हर हरो, करि मंगल सदा सेव॥

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॥चौपाई॥

जय मंगल ग्रह मुनि पूजित, शुभ फल दायक नाथ।
धातु रुधिर अधिदेव तम, शरणागत करे त्राण॥
रक्तवर्ण तन सुंदर, मस्तक मुकुट विराजत।
गदाहस्त त्रिनयन मनोहर, मंगल शुभफलदायक॥
अमित तेज, बल, मोह नाशक, पिंगल तन अति शोभित।
धरणी पुत्र अति, वैभवशाली, पाप-ताप सब हर्ता॥
अस्त्र, शस्त्र, गदा धारण कर, रजत सिंह पर सवार।
सप्त धातु का हो प्रदाता, वैद्य, विद्या सुधाकर॥
न्यायप्रिय, धर्मरत, भूतिहारी, मंद गति से विख्यात।
कुंडली दोष, अशुभ प्रभाव, जीवन में सब हरता॥
राजस्थान पूजित शिरोमणि, गुरु ग्रह का आभासक।
भक्त जनों का संकट हरते, तुम शुभ मंगलकारी॥
बुद्धिवर्धक, ज्ञानदायक, धर्म-अर्थ-काम प्रदायक।
तृण-ताप, विपदा हरो, करि सुखदायक मंगल॥
महाबली वीर विक्रम, तापत्रय हरो अपार।
मंगल ग्रह की कृपा से, सकल मंगल हो साधन॥
रोग-क्लेश, पीड़ा हरो, विद्या-बुद्धि बढ़ाओ।
शत्रु, समस्त भय हरो, मंगल मूर्ति विराजो॥
रूद्र रूप धर, दानव दलन, आप विनाशक दुष्ट।
शत्रु नाश, भय निवारण, मंगल भव भय हर्ता॥
धीर, वीर, मंगल रूप, संकट में संगी।
मंगल ग्रह की कृपा से, सब मनोरथ पूर हो॥
शिव के चरणों में शीश नवायें, सुर मुनिजन वन्दित।
मंगल ग्रह कृपा करें, भक्त जीवन सफल हो॥
विघ्न, विपत्ति, संकट हरो, शुभ मंगल करि।
मंगल चालीसा जो पढ़े, सब संकट से मुक्त हो॥

॥दोहा॥

जय-जय मंगल मोर, कृपा करो गुरु देव।
संकट सब हर हरो, करि मंगल सदा सेव॥
|| इति संपूर्णंम् ||

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मंगल चालीसा पढ़ने व सुनने के लाभ

  • मंगल दोष से छुटकारा मिलता है.
  • मानसिक बल मिलता है.
  • शत्रुओं से रक्षा होती है.
  • आर्थिक स्थिति में स्थिरता आती है.
  • वैवाहिक कलह समाप्त होता है.
  • शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.
  • त्वचा में निखार आता है.
  • आध्यात्मिक जागृति होती है.

किस समय मंगल चालीसा का पाठ करना है शुभ?

वैसे तो किसी भी दिन किसी भी समय मंगल चालीसा का पाठ किया जा सकता है. लेकिन मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ करना ज्यादा शुभ होता है क्योंकि ये दोनों दिन मंगल ग्रह को समर्पित हैं. इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त और रात में सोने से पहले मंगल चालीसा का पाठ करना लाभदायक रहता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 20, 2025 01:47 PM

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