Shri Durga Chalisa Lyrics In Hindi: हिंदुओं के लिए मां दुर्गा की पूजा का खास महत्व है, जिन्हें प्रमुख देवियों में से एक माना जाता है. शास्त्रों में मां दुर्गा को शक्ति, सुरक्षा, ऊर्जा, विनाश और मातृत्व की देवी माना गया है, जिनका पूजन आदि शक्ति और भगवती के रूप में किया जाता है. वैसे तो किसी भी दिन देवों के देव महादेव की पत्नी माता पार्वती के उग्र स्वरूप यानी मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं, लेकिन नवरात्रि, दुर्गा पूजा, महाअष्टमी, महानवमी और विजयादशमी के दिन उपासना करना ज्यादा शुभ होता है. मां दुर्गा की पूजा के दौरान उन्हें समर्पित चालीसा पढ़ना व सुनना भी शुभ होता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिन लोगों के ऊपर मां दुर्गा की विशेष कृपा होती है, उन्हें नकारात्मकता से छुटकारा मिलता है. साथ ही शत्रुओं, मानसिक तनाव, गृह क्लेश और सेहत आदि समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है. यदि आप भी मां दुर्गा को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें समर्पित चालीसा जरूर पढ़ें या सुनें. यहां पर आप श्री दुर्गा चालीसा के सही लिरिक्स पढ़ सकते हैं.
श्री दुर्गा चालीसा (Maa Durga Chalisa In Hindi)
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तन बीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥
आभा पुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपु मुरख मोही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।।
जब लगि जियऊं दया फल पाऊं। तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥इति श्रीदुर्गा चालीसा सम्पूर्ण॥
दुर्गा चालीसा पढ़ने के बाद तीन बार ‘जय माता दी’ जरूर बोलें.
श्री दुर्गा चालीसा पढ़ने व सुनने के लाभ (Maa Durga Chalisa Benefits)
- मन शांत रहता है.
- मानसिक शांति मिलती है.
- शत्रुओं से रक्षा होती है.
- घबराहट की समस्या नहीं होती है.
- धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
- यश और सम्मान की प्राप्ति होती है.
ये भी पढ़ें- Shiv Chalisa | शिव चालीसा: जय गिरिजा पति दीन दयाला… Shiv Chalisa Lyrics in Hindi
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










