Govardhan Ji Ki Aarti in Hindi: सनातन धर्म के लोगों के लिए गोवर्धन महाराज की पूजा का खास महत्व है. जिन्हें गिरिराज पर्वत के नाम से भी जाना जाता है. उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृंदावन के पास गोवर्धन पर्वत स्थित है, जिसे भगवान श्री कृष्ण का प्राकृतिक रूप माना जाता है. गोवर्धन महाराज की पूजा करने से कृष्ण जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही जीवन में स्थिरता आती है और बार-बार आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
खासकर, गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन महाराज की पूजा की जाती है. साथ ही उनकी परिक्रमा करना शुभ होता है. हालांकि, कई लोग घर पर ही गोबर या भोज्यान्न (खाने योग्य अन्न) से गोवर्धन पर्वत बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं. पूजा के दौरान गोवर्धन महाराज को रोली, चावल, फूल, पान, बताशे, घी, दूध, कढ़ी-चावल, माखन, मिश्री, खीर और जलेबी आदि अर्पित करते हैं. गौरतलब है कि गोवर्धन जी की पूजा उनकी आरती किए बिना अधूरी होती है. इसलिए आज हम आपको गोवर्धन महाराज की आरती के बारे में बताने जा रहे हैं.
गोवर्धन महाराज की आरती (Govardhan Puja Aarti in Hindi)
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है विश्राम।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,ठोड़ी पे हीरा लाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,तेरी झाँकी बनी विशाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण,करो भक्त का बेड़ा पार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
ये भी पढ़ें- श्री लक्ष्मी माता की आरती
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.