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Brahma Dev Ji Ki Aarti । श्री ब्रह्मा आरती: पितु मातु सहायक… Pitu Matu Sahayak Swami Brahma Dev Aarti Lyrics In Hindi

Brahma Dev Aarti Lyrics In Hindi: सनातन धर्म में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव की पूजा का खास महत्व है, जिनकी कृपा से व्यक्ति को धन, विवेक, समृद्धि, सुख और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है. यदि आप भी ब्रह्मदेव को खुश करना चाहते हैं तो नियमित रूप से उनकी आरती करें. यहां पर आप ब्रह्मदेव की आरती के सही लिरिक्स पढ़ सकते हैं.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Nov 9, 2025 10:38
Brahma Dev Aarti Lyrics In Hindi
Credit- News24 GFX

Brahma Dev Aarti In Hindi: त्रिदेवों में से एक ब्रह्मदेव को सृष्टि का रचयिता माना जाता है, जो कि विद्या और ज्ञान के प्रतीक हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सावित्री और भगवान शिव के श्राप के कारण ब्रह्माजी की पूजा नहीं की जाती है, लेकिन कुछ संप्रदाय के लोग नियमित रूप से ब्रह्मदेव की पूजा-अर्चना करते हैं. खासकर, राजस्थान के पुष्कर के मंदिरों में ब्रह्मा जी की रोजाना उपासना की जाती है. ब्रह्मदेव की पूजा के दौरान उन्हें समर्पित आरती पढ़नी व सुननी भी शुभ होती है.

मान्यता है कि जो लोग नियमित रूप से ब्रह्मा जी की पूजा करते हैं, उनका मन शांत रहता है. साथ ही बुद्धि, विवेक और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. इसके अलावा ध्यान और एकाग्रता की क्षमता में बढ़ोतरी होती है. चलिए अब जानते हैं ब्रह्मदेव की आरती के सही लिरिक्स के बारे में.

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ब्रह्मदेव की आरती (Brahma Dev Aarti Lyrics In Hindi)

पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो।
जिनके कुछ और आधार नहीं, तिनके तुम ही रखवारे हो।
सब भॉति सदा सुखदायक हो, दुख निर्गुण नाशन हरे हो।
प्रतिपाल करे सारे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो।
भूल गये हैं हम तो तुमको, तुम तो हमरी सुधि नहिं बिसारे हो।
उपकारन को कछु अंत नहीं, छिन्न ही छिन्न जो विस्तारे हो।
महाराज महा महिमा तुम्हारी, मुझसे विरले बुधवारे हो।
शुभ शांति निकेतन प्रेम निधि, मन मंदिर के उजियारे हो।
इस जीवन के तुम ही जीवन हो, इन प्राणण के तुम प्यारे हो में।
तुम सों प्रभु पये “कमल” हरि, केहि के अब और सहारे हो।

॥ इति श्री ब्रह्मा जी आरती समाप्त ॥

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ब्रह्मदेव की पूजा विधि (Brahma Dev Puja Vidhi)

  • प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान आदि कार्य करने के पश्चात पीले या केसरिया रंग के कपड़े धारण करें.
  • घर के मंदिर की गंगाजल से सफाई करें.
  • मंदिर में एक चौकी रखें और उसके ऊपर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं.
  • अब कपड़े पर हल्दी या चंदन से अष्टदल कमल बनाएं और उसके ऊपर ब्रह्मा जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
  • देसी घी का दीपक जलाएं.
  • ब्रह्मदेव को जल, चंदन, फूल, तुलसी के पत्ते, फल, दूध और मिठाई अर्पित करें. इस दौरान मंत्र जाप करें.
  • आरती करके पूजा का समापन करें.

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ब्रह्मदेव का प्रिय रंग कौन-सा है? (Brahma Dev Priya Rang)

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सफेद, लाल और सुनहरा रंग ब्रह्मदेव को अति प्रिय है.

ब्रह्मदेव के मंत्र (Brahma Dev Mantra)

  • ॐ ब्रह्माय नमः
  • ॐ नमो ब्रह्माय नमः
  • ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौह सतचिद एकं ब्रह्मो:
  • ॐ वेदात्मनाय विद्महे हिरण्य गर्भय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्।।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 09, 2025 10:38 AM

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