सुधीर, भोपाल: मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल में धर्म और पूजा-पाठ को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। इस बीच दिग्विजय सिंह के सीएम हाउस में कन्या पूजन को नौटंकी बताने वाले बयान पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने करारा जवाब दिया है। सीएम शिवराज ने सोशल मीडिया एक्स (ट्विटर) पर लिखा- यह आपकी घटिया सोच है। मैं बेटियों की पूजा करता हूं और करता रहूंगा, यह मेरे लिए भावनात्मक विषय है। मन दुखी और पीड़ित है। उन्होंने आगे कहा कि बेटियों की पूजा सनातन का संस्कार है और दिग्विजय सिंह उसे नाटक-नौटंकी कह रहे हैं।
बेटियों की पूजा, सनातन संस्कार है।
---विज्ञापन---कल पूरा देश बेटियों की पूजा कर रहा था, पाँव पखारे जा रहे थे, कन्या भोज कराये जा रहे थे और मैंने भी की; मैं प्रतिदिन बेटियों की पूजा करता हूँ।
मैं बहन, बेटियों के पाँव पखारकर उस जल को माथे से लगाता हूँ, जिसमें पवित्र भाव हो, भारतीय संस्कार… pic.twitter.com/tktqbCsHyu
---विज्ञापन---— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) October 24, 2023
बेटियों के सम्मान से भी तकलीफ
सीएम शिवराज ने कहा कि सनातन और शिवराज का विरोध करते-करते दिग्विजय इतने निचले स्तर पर पहुंच गए कि अब उन्हें बेटियों के सम्मान से भी तकलीफ होने लगी है। पूरा देश बेटियों का भंडारा कर रहा है, उनकी पूजा कर रहा है, क्या यह नौटंकी है? मैंने भी बेटियों की पूजा की, मैं तो रोज बेटियों की पूजा करता हूं, लेकिन दिग्विजय जी, आप बेटियों की पूजा को नाटक नौटंकी कहते हैं। आप जैसी घटिया सोच वाले बेटियों की पूजा और सम्मान सहन नहीं कर पाते। उन्होंने आगे कहा कि मैं बेटियों और बहनों की पूजा करता रहूंगा, जिससे समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच और सम्मान बढ़े।
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कांग्रेस बहन, बेटियों की पूजा के खिलाफ है?
सीएम ने कहा बहनों की पूजा के लिए नैतिक साहस चाहिए और ये वही कर सकता है, जिसमें भारतीय संस्कार हों। उन्होंने दिग्विजय पर हमला बोलते हुए कहा कि बहन-बेटियों को टंचमाल और आइटम कहने वाले कभी बेटियों का सम्मान नहीं कर सकते। मल्लिकार्जुन खड़गे जी और सोनिया जी जवाब दें क्या वे भारत में बेटियों की पूजा के खिलाफ हैं? कांग्रेस अपना स्टैंड साफ करे क्या वह बहन-बेटियों की पूजा के खिलाफ है?
बहनों के पैर भी धोता हूं और उस पानी को माथे से भी लगाता हूं
सीएम ने कहा कि मैं बेटियों के और बहनों के पैर भी धोता हूं और उस पानी को माथे से भी लगाता हूं। यह वही कर सकता है, जिसके मन में पवित्र भाव हो और जिसमें भारतीय संस्कार हो। इसके लिए भी नैतिक साहस चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि बहनों की पूजा के लिए भी नैतिक साहस चाहिए। बहन और बेटियों को टंच माल कहने वाले आइटम कहने वाले ये नहीं कर सकते और इसी मानसिकता को हम बदलना चाहते हैं।