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कभी PM पद के लिए आडवाणी ने सुझाया था शिवराज का नाम; तीन लिस्ट में उम्मीदवार नहीं बने तो पूछा-‘चुनाव लड़ूं कि नहीं…’

MP CM Shivraj Singh Chauhan: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुख्यमंत्री पद के दावेदार शिवराज सिंह पांचवीं बार इस दौड़ में उतरे हुए हैं। यह वही कद्दावर नेता हैं, जिन्हें न सिर्फ मध्य प्रदेश की जनता भैया और मामा के नाम से जानती है, बल्कि एक वक्त था, जब मोदी से भी पहले प्रधानमंत्री पद के लिए इनका नाम सुझाया गया था।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Oct 15, 2023 23:00
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MP CM Shivraj Singh Chauhan, भोपाल: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुख्यमंत्री पद के दावेदार शिवराज सिंह पांचवीं बार इस दौड़ में उतरे हुए हैं। यह वही कद्दावर नेता हैं, जिन्हें न सिर्फ मध्य प्रदेश की जनता भैया और मामा के नाम से जानती है, बल्कि एक वक्त था, जब मोदी से भी पहले प्रधानमंत्री पद के लिए इनका नाम सुझाया गया था। यह अलग बात है कि उनका नाम पार्टी हाईकमान ने चौथी और आखिरी लिस्ट मेंं एनाउंस किया है और इससे पहले जब तीन लिस्ट में उम्मीदवारी नहीं मिली तो वह लोगों से पूछने लग गए थे, ‘चुनाव लड़ूं कि नहीं लड़ूं?’। आइए शिवराज सिंह चौहान के बारे में जानें और बहुत कुछ…

शिवराज सिंह मध्‍य प्रदेश मे सबसे लम्‍बे समय तक मुख्‍यमंत्री के रहने वाले पहले मुख्‍यमंत्री हैं। उन्होंने 15 वर्षों से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। 24 मार्च 2020 को शिवराज सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के विधायकों के समर्थन से चौथी बार मुख्‍यमंत्री पद की सपथ ली। इसके पहले ये रिकार्ड पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और श्‍यामाचरण शुक्‍ल जी के पास था। ये मध्‍य प्रदेश के तीन तीन बार मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं।

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किसान परिवार में हुआ जन्म

शिवराज सिंह चौहान का जन्म मध्य प्रदेश के सीहोर में 5 मार्च 1959 को एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री प्रेमसिंह चौहान और माता का नाम श्रीमती सुंदरबाई है। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव में ही पूरी की और उच्य शिक्षा के लिए भोपाल चले गए। वहां उन्होंने बरकतउल्लाह विश्वविघालय से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की। शिवराज सिंह चौहान छात्र जीवन से ही राजनीति में शक्रिय थे। 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने। चौहान 1977 से लेकर 1980 तक विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे।

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बहनों के लिए लाडली लक्ष्मी योजना’ की शुरुआत की

मध्य प्रदेश के बच्चों के मामा और महिलाओं के भाई नाम से फेमस सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी बहनों के लिए हमेशा कुछ ना कुछ नई योजनाओं की शुरुआत करते है। हालं ही में उन्होंने ‘लाडली बहन योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं की आय बढ़ेगीा, तकरीबन ढाई लाख महिलाएं इस योजना से लाभांवित होगी।
इस योजना के तहत वैसी महिलाओं को राहत मिलेगी जिनके परिवार की आमदनी ढाई लाख रुपये से कम है। इसमें हर महीने एक हजार रुपये दिए जाएंगे।

पुलिस में 33 फीसदी आरक्षण

शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में सिपाही से लेकर पुलिस अफसर तक महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देने का फैसला अपने कार्यकाल में किया है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग में भी होने वाली तमाम भर्तियों में शिवराज सरकार ने महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया है। शिवराज सिंह चौहान ने उज्ज्वला योजना की हितग्राही, लाडली बहना योजना और विशेष पिछड़ी जाति की महिलाओं बेगा, भरिया और सहरिया को 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है।

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जमीनी नेता माने जाते है शिवराज सिंह चौहान

भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में लगभग 18 सालों से सत्ता में है जिसका श्रेय प्रदेश की जनता शिवराज सिंह चौहान को देती है। अपने प्रदेश के लोगों के दिलों पर चौहान आज भी राज करते है। मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री होने के बाद भी वे किसी भी सभा में आम लोगों से जाकर हाथ मिलाने लगते है। कई बार इसे टीवी पर देखा भी गया है। कई बार चटाई पर बैठकर किसानों के साथ खाना खाते हुए देखा गया है। हांल ही में बुंदेलखंड के इलाके में शिवराज को आदिवासियों के कार्यक्रम में ढोलक बजाकर नाचते हुए देखा गया था। प्रदेश के लोगों ने बताया भाजपा कितना भी केंद्रीय मंत्रियों का फौज उतार दे लेकिन शिवराज सिंह चौहान को हमलोग जमीनी नेता के तौर पर देखते है।

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भाजपा नेता अडवाणी ने बताया था बेहतर पीएम उम्मीदवार

शिवराज सिंह चौहान पहली बार 1990 में विधायक बने थे। उस दौरान वे भाजपा के सबसे युवा नेता के तौर पर उभरे थे। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण अडवाणी के सबसे खास बनने में जरा भी देर नहीं लगी। 1999 में अटल बिहार वाजपेयी की संसदीय सीट विदिशा से चुनाव लड़े और जीतकर लोसकभा पहुंच गए। केंद्र की राजनीति में चर्चा होने लगी वे वाजपेयी सरकार में मंत्री बनेगे। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। आगे चलकर शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। नवंबर 2005 में राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेश पर शिवराज सिंह चौहान में मुख्यमंत्री पद की सपथ ली। 2014 लोकसभा चुवान से पहले भाजपा में नरेंद्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री के लिए चल रहा था, तभी उस दौरान भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण अडवाणी ने शिवराज सिंह चौहान को बेहतर पीएम उम्मीदवार बताया था।

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Edited By

Balraj Singh

First published on: Oct 15, 2023 10:55 PM

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