हेरा-फेरी कर सत्ता में आई राज्य की मौजूदा सरकार के धोखाधड़ी और लूट-खसोट के कारनामे आए दिन सामने आ रहे हैं। अब जालना जिले में एक भयानक मामला सामने आया है। खुलासा हुआ है कि तलाठी, ग्राम सेवक और कृषि सहायक इन सभी ने प्रभावित किसानों के राहत अनुदान के करोड़ों रुपए हड़प लिए हैं। खास बात यह है कि उपजिला अधिकारी ने माना है कि यह करीब 50 करोड़ का गबन है। सरकार ने भारी बारिश, बाढ़ और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत अनुदान देने की घोषणा की थी। फर्जी किसान दिखाकर सब्सिडी में हेरा-फेरी की गई। कहा जा रहा है कि अब इस घोटाले की जांच चल रही है और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लाडली बहनों को ‘असली चेहरा’ दिखाना शुरू किया
जालना में हुए इस किसान अनुदान घोटाले से राज्य सरकार का भ्रष्ट चेहरा एक बार फिर सामने आया है। सत्ताधारी मंडली जो चाहे दावा कर रही हो, लेकिन सत्ता में आने के बाद से समाज के हर घटक से धोखाधड़ी की जा रही है। वादे तोड़े जा रहे हैं। इस मंडली को सत्ता में लाने में लाडली बहनों का बहुत बड़ा योगदान था, लेकिन सत्ता मिलते ही इस मंडली ने लाडली बहनों को ‘असली चेहरा’ दिखाना शुरू कर दिया। कई नए नियम और मानदंडों का हौवा तैयार किया गया। पात्रता की जांच को अधिक कठोर बनाया गया। जिसके चलते विधानसभा चुनाव से पहले जो लाखों बहनें ‘लाडली’ थीं, सत्ता स्थापित होने के बाद वे ‘लाडली’ नहीं रहीं। उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
किसानों को कर्जमाफी देना संभव नहीं
इसके बाद राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री ने यह फरमान जारी किया कि नारंगी और पीले राशन कार्ड धारकों को छोड़कर बाकी सभी के आवेदन का सत्यापन किया जाएगा। अब 8 लाख 89 हजार लाडली बहनों को 1500 की जगह सिर्फ 500 रुपए आर्थिक मदद दी जाएगी। वजह ये है कि इन महिलाओं को ‘नमो शेतकरी सम्मान योजना’ से भी फायदा हो रहा है, ऐसा कहा जा रहा है। जो हाल लाडली बहनों का है वही सामान्य किसानों का है। ‘हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे यानी करेंगे ही।’ हुक्मरानों ने ऐसा सार्वजनिक आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री फडणवीस ने लाडली बहन योजना के आर्थिक बोझ का हवाला देकर यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि अब भी किसानों को कर्जमाफी देना संभव नहीं है। एक रुपए की फसल बीमा योजना भी रद्द कर दी गई।
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अन्न दाताओं से जुड़ी कई योजनाएं बंद
अन्न दाताओं से जुड़ी कई अन्य योजनाएं भी बंद कर दी गईं। लाडली बहन, किसान कर्जमाफी समेत कई अन्य मामलों में मौजूदा सरकार बारात के पीछे घोड़े नचाने का काम कर रही है। चुनाव प्रचार के दौरान नए नियम-कायदों के ये ‘घोड़े’ कहां चर रहे थे? इन्हीं घोड़ों पर सवार होकर शासक वर्तमान में अपनी परेड कर रहे हैं और लाडली बहनों से लेकर किसानों तक सभी को धोखा दे रहे हैं। किसानों की कल्याण सब्सिडी में घोटाला कर रहे हैं। महाराष्ट्र में घोटालेबाज और लुटेरे राज कर रहे हैं। मूलत: यह सरकार ही एक घोटाला है। इसलिए धोखाधड़ी, घोटाले और लूट के अलावा और क्या होगा?
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