World Environmental Health Day 2025: हर साल 26 सितंबर के दिन विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इसदिन को मनाने का मकसद पर्यावरण और मनुष्यों के बीच सामंजस्य बिठाना, लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक करना और पर्यावरण को बचाने व सुरक्षित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस साल पर्यावरण दिवस की थीम (World Environmental Health Day Theme) है, ‘साफ हवा, स्वस्थ लोग’. हमारे आस-पास तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. ऐसे में हवा को साफ रखना और खुद का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना जरूरी है. इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2011 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एन्वायरमेंटल हेल्थ के द्वारा इंडोनेशिया में हुई काउंसिल मीटिंग में हुई थी. इसके बाद से ही हर साल पर्यावरण के अलग-अलग पहलु पर बात करते हुए इस दिन को मनाया जाने लगा. ऐसे में यहां जानिए किस तरह कम उम्र से ही बच्चों को पर्यावरण के महत्व से अवगत करवाया जा सकता है और बच्चों में पर्यावरण को बचाने के गुण डाले जा सकते हैं.
बच्चों को इस तरह सिखाएं पर्यावरण का महत्व
- आप घर में पौधे लगा सकते हैं और बच्चों को अपने साथ इन पौधों में पानी डालना, खाद डालना और पौधों की सफाई करना सिखा सकते हैं. इस तरह बच्चे पौधों (Plants) से प्यार करना सीखते हैं.
- बच्चों को प्रदूषण (Pollution) के बारे में बताएं और उनसे कहें कि जितना हो सके वे अपने आस-पास की जगह को साफ करें.
- बच्चों को अपना कूड़ा कूड़ेदान में फेंकना सिखाएं. चाहे सड़क हो या गली का चौराहा, जबतक कूड़ादान नजर ना आए तबतक उन्हें कूड़ा अपने ही पास रखना है यह उन्हें समझाएं.
- घर के लाइट और पंखों की जब जरूरत ना हो तो उन्हें बंद करके रखना चाहिए यह बच्चों को बताएं. बच्चों से कहें कि जब भी वे कमरे से बाहर निकलें तो बिजली के उपकरणों को बंद कर दें.
- बच्चों को चाहे नहाना कितना ही अच्छा लगता हो उन्हें बताएं कि घंटों तक नहाना पानी की बर्बादी होती है. शावर के बजाय बच्चों को कभी-कभी बाल्टी से भी नहाने के लिए कहें.
- बच्चों को आप अपने साथ कैंपिंग वगैरह करने लेकर जा सकते हैं. प्रकृति के बारे में बच्चों को बताने और प्रकृति से उन्हें रूबरू कराने का यह एक अच्छा तरीका होता है.
- बच्चों को जानवरों के बारे में बताएं. उन्हें समझाएं कि वे जो प्लास्टिक का कूड़ा यहां-वहां फेंकते हैं वो जानवरों के लिए किस-किस तरह से खतरनाक हैं. इस तरह बच्चे अपनी ही नहीं बल्कि जानवरों और पर्यावरण की रक्षा करना भी सीखते हैं.
यह भी पढ़ें – बच्चे का बुखार कैसे चेक करना चाहिए? डॉक्टर ने बताया सही तरीका