World Blood Donor Day: हर साल दुनियाभर में 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (Blood Donation Day या World Blood Donor Day) मनाया जाता है। कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुक करती है, जरूरतमंदों की जान बचाई जा सके।
रक्तदान दिवस के इतिहास की बात करें तो ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज करने वाले नोबेल पुरुस्कार विजेता वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर के जन्म दिन को World Blood Donor Day के रूप में मनाया जाता है। दुनियाभर में इस दिन ब्लड डोनेशन कैप लगाए जाते हैं। WHO के आंकड़ों की मानें तो 118.54 मिलियन लोग हर साल ब्लड डोनेट करते हैं।
मिलिए भारत के इन महान रक्तदान वीरों से
हरीशभाई पटेल: देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिनके लिए रक्तदान एक जुनून बन चुका है। इन्हीं में से एक हैं गुजरात, अहमदाबाद के रहने वाले हरीशभाई पटेल। देशभर में ब्लड डोनेशन के ब्रांड एंबेसडर के नाम से मशहूर हरीशभाई 55 वर्ष की आयु में 248 बार रक्तदान कर चुके हैं, जोकि देश में सबसे ज्यादा है। यह रिकॉर्ड अब तक कोई तोड़ नहीं पाया है। हरीशभाई करीब तीन दशकों से हर रविवार अहमदाबाद में रक्तदान शिविर लगाते हैं।
सौरभ मौर्य: चलते फिरते ब्लड बैंक के नाम से मशहूर बनारस के 35 वर्षीय सौरभ मौर्य का नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। केवल 10 साल की छोटी सी अवधि में 100 से ज्यादा बार रक्तदान करके उन्होंने ये रिकॉर्ड बनाया है। 35 वर्ष की उम्र में अब तक कुल 165 बार रक्तदान कर चुके सौरभ मौर्य की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।
शिरोया फैमिलीः गुजरात के सूरत का शिरोया परिवार भी रक्तदान में किसी से पीछे नहीं है। यह परिवार अब तक 346 बार ब्लड डोनेट कर चुका है। परिवार के मुखिया डॉ. प्रफुल्ल शिरोया करीब 37 सालों से लगातार यानी कुल 176 बार रक्तदान कर चुके हैं। उनकी पत्नी सूरत की पूर्व महापौर अस्मिता शिरोया 81 बार, बेटी कोमल 36 बार, दूसरी बेटी पिंकल 28 बार और बेटा हरिकिशन 25 बार रक्तदान कर चुके हैं। इस परिवार का कहना है की जब तक हो सकेगा हम रक्तदान करते रहेंगे।
सरपोतदार भाईः अहमदाबाद के दो भाई रक्तदान को अपने जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य बना चुके हैं। 56 साल के समीर सरपोतदार पिछले 34 साल से रक्तदान कर रहे हैं। दावा है कि उन्होंने 130 बार ब्लड डोनेट किया है। उनके भाई सुधांशु सरपोतदार भी अब तक करीब 94 बार रक्तदान कर चुके हैं। दोनों अपने परिवार वालों से भी समय-समय पर रक्तदान कराते रहते हैं।
अनुराग और देवेंद्र: करौली (राजस्थान) के रहने वाले 37 वर्षीय अनुराग और 53 वर्षीय देवेंद्र रक्तदान को लेकर बेहद जागरूक हैं। अनुराग 62 बार तो देवेंद्र 40 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं। दोनों अपने दोस्तों को भी रक्तदान के लिए लगातार प्रेरित करते रहते हैं। पूरे शहर में इनकी पहचान महान रक्तदाता के रूप में बन चुकी है, जो कई लोगों का जीवन बचाकर उनकी मुस्कान का कारण बन रहे हैं।