आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग धीरे-धीरे एंजाइटी का शिकार होते जा रहे हैं, लेकिन कई बार उन्हें इस बात का पता नहीं चलता हैं। यानी कि बाहर से वे पूरी तरह नॉर्मल, खुश, या मजबूत दिखते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर वे बेचैनी, डर या घबराहट से जूझ रहे होते हैं। इस दौरान आमतौर पर घबराहट, सामाजिक रूप से अलग-थलग, नाखून चबाना, पसीना आना, कांपना और ओवरव्हेल्मेड महसूस करते हैं। आइए जनते हैं कि इसे लेकर एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एचटी लाइफस्टाइल के साथ एक इंटरव्यू में, 1 टू 1 हेल्प की काउंसलिंग ऑपरेशंस की क्लिनिकल डायरेक्टर पियाली मैती ने बताया कि हाई-फंक्शनिंग एंग्जायटी कैसी होती है। पियाली ने इस बारे में और विस्तार से बताया और कहा कि हाई-फंक्शनिंग एंग्जायटी एक ऐसी बीमारी है, जिस दौरान लोग बाहर से बेहद सफल, परफेक्ट और शांत दिखाते हैं, लेकिन अंदर से बहुत ज्यादा सोचने, लगातार चिंता या असफलता के डर और खुद पर संदेह करने लगते हैं। वे अक्सर जिम्मेदारियों को संभालने की क्षमता के बावजूद खुद पर भरोसा नहीं कर पाते हैं।
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सीक्रेटली एंग्जाइटी के संकेत
अंदर से परेशान- आप भले ही मिलनसार हों और सभी चीजों को संभाल लेते हों, लेकिन अंदर ही अंदर आपकी चिंता बढ़ती जाती है और इसका असर आपके दिमाग पर पड़ता है।
दूसरों को कंट्रोल करना- ऐसे लोग खुद को कुछ स्थितियों से डरते हुए पा सकते हैं। कभी-कभी अनजाने में ऐसे लोग अपने डर को छुपाने के लिए दूसरों को कंट्रोल करने लगते हैं।
शारीरिक परेशानी- भूख कम हो सकती है, मांसपेशियों में तनाव हो सकता है, हार्ट बीट बढ़ सकती है और डेली रुटीन वाले काम भी आपको भारी लग सकते हैं।
आलोचना से डरना- इस दौरान लोग आलोचना से बहुत ज्यादा डरने लगते हैं। अपने रिश्तों और कैरियर को लेकर बहुत ज्यादा चिंता करने लगते हैं, जिससे उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।
फीलिंग को छुपाना- समाज, परिवार या प्रोफेशनल लाइफ में जिन्हें सिखाया गया है कि डर या चिंता दिखाना कमजोरी है, वे अक्सर अपनी फीलिंग को छुपाने की कोशिश करते हैं।
अन्य संकेत
1. दूसरों की बहुत चिंता करते हैं।
2. बहुत सोचते हैं, लेकिन बोलते कम हैं।
3. अक्सर थकान महसूस करते हैं।
4. छोटी बातों पर घबरा जाते हैं, लेकिन बाहर से मुस्कुराते रहते हैं।
5. इस दौरान नींद न आने की समस्या बनी रहती है, जिस वजह से वह दिमागी रूप से थके हुए रहते हैं।
सीक्रेट एंजाइटी से बचाव
1. दिन में 5 से 10 मिनट शांत बैठना।
2. मन की बात कागज पर लिखना
3. शांत म्यूजिक या नेचर साउंड्स सुनना।
4. कैफीन का सेवन कम करना।
5. खुद से सवाल करो और खुद से पूछो कि सबसे बुरा क्या हो सकता है?
6. रोज कुछ समय फोन और नेट ऑफ करके सिर्फ खुद के साथ रहें।
7. अगर अंदर से बहुत बुरा फील रहा हैं तो एक भरोसेमंद इंसान से बात करें।
इन बातों का रखें ध्यान
सपोर्टिव बनो- अगर आस पास कोई एंजाइटी से परेशान है तो उनसे कहो कि मैं समझता हूं और तुम्हारे साथ हूं।
जज मत करो- सिर्फ सुनना ही मदद नहीं हो सकता है, उनको सुनने के बाद उन्हें जज न करें।
मदद लेना कमजोरी नहीं है- काउंसलर या थेरेपिस्ट से बात करना बहुत राहत दे सकता है। इसके लिए आप किसी काउंसलर मदद ले सकते हैं।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है