Relationship Tips: रिलेशनशिप में प्यार, खुशियां, सम्मान और तालमेल होना जितना जरूरी है। उतना ही एक दूसरे के प्रति आदर होना भी आवश्यक है। क्योंकि जहां प्यार होता है, वहां लड़ाई भी होती है। भविष्य में पति-पत्नी के बीच लड़ाई न हो। इसके लिए उन्हें पहले से ही कुछ सावधानियों को अपनाना चाहिए। इसी में से एक हैं बैंक अकाउंट।
आमतौर पर पार्टनर के बीच पैसों की वजह से मनमुटाव ज्यादा होते हैं। ऐसे में एक सवाल आता है कि क्या पति-पत्नी का बैंक अकाउंट अलग-अलग होना चाहिए? अगर आपके मन में भी ये ही सवाल है, तो आइए जानते हैं उन 3 बड़े कारणों के बारे में, जो बताते हैं कि क्यों पति-पत्नी का एक बैंक अकाउंट नहीं होना चाहिए?
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- अगर आपका अपने पार्टनर से अलग बैंक अकाउंट है, तो आप बिना किसी रोक-टोक के अपने खर्चे अपने हिसाब से कर पाएंगे। पैसों के लिए आपको अपने पार्टनर पर निर्भर नहीं होना होगा। इससे आप आत्मनिर्भर तो बनेंगे ही। साथ ही आपको पैसे रखने और उसे खर्च करने की समझ भी आएगी।
- कोई भी रिश्ता दो लोगों से बनता है। ये जरूरी नहीं है कि दोनों लोगों की पसंद और आदत एक जैसी हो। जहां एक को फिजूलखर्ची करना पसंद न हो, तो वहीं दूसरा कुछ भी खरीदने से पहले एक बार भी पैसों की चिंता न करें। ये हो सकता है। ऐसे में जब दोनों के बैंक अकाउंट अलग-अलग होंगे, तो पैसों की वजह से उनके बीच टकराव होने की संभावना कम हो जाएगी। उन्हें अपने खर्चों के लिए सफाई देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- जिंदगी में कभी भी कुछ भी हो सकता है। कभी-कभार पल भर में भी रिश्ते टूट जाते हैं। ऐसे में अगर आपका अपने पार्टनर से अलग बैंक अकाउंट है, तो सर्वाइव करने के लिए आपको उन पर निर्भर होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर आपकी जिंदगी में ऐसी स्थिती आती है, तो इसके लिए अलग-अलग बैंक अकाउंट का फैसला सही रहेगा।
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