Micro Cheating: रिश्ते कांच की तरह बहुत ही नाजुक होते हैं, जो छोटी-छोटी गलतफहमियों के कारण टूट सकते हैं। किसी भी रिश्ते को बनाना जितना कठिन होता है, उसे निभाना उससे भी ज्यादा मुश्किल होता है। किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए न सिर्फ प्यार जरूरी है बल्कि विश्वास और सम्मान भी बेहद जरूरी है।
आपने प्यार में धोखे की बहुत सी खबरें और कहानियां पढ़ी और सुनी भी होंगी लेकिन क्या आपने ‘माइक्रो चीटिंग’ के बारे में सुना है? यह एक तरह का धोखा ही है लेकिन इसके बारे में कम जानकारी होने के कारण इसे पहचानना अक्सर मुश्किल होता है। ऐसे में कई बार व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि वह जाने-अनजाने अपने पार्टनर से माइक्रो चैटिंग कर रहा है। अगर आप इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि माइक्रो चीटिंग क्या है और इसे कैसे पहचानें।
क्या है माइक्रो चीटिंग?
जो व्यक्ति माइक्रो चीटिंग करता है वह अपने पार्टनर की तुलना में रिश्ते के प्रति कम ईमानदार होता है। अगर किसी कमिटेड व्यक्ति का झुकाव अपने पार्टनर के अलावा किसी ओर की तरफ बढ़ने लगे या वह किसी और के साथ इमोशनल अटैचमेंट महसूस करने लगता है तो यह एक तरह का माइक्रो-चीटिंग है। माइक्रो चीटिंग के कारण बना यह रिश्ता इमोशनल अटैचमेंट से लेकर शारीरिक संबंधों तक पहुंच सकता है, जिसका असर धीरे-धीरे आपके असल रिश्ते पर भी दिखने लगता है। आइए जानते हैं माइक्रो चीटिंग की पहचान कैसे करें-
झगड़े बढ़ जाना
अगर आपके और पार्टनर के बीच अचानक से झगड़े बढ़ने लगा है तो इसका कारण माइक्रो-चीटिंग हो सकता है।
लंबे समय तक फोन पर लगे रहना
अगर कोई व्यक्ति पूरा दिन चैट या कॉल पर बिता रहा है तो संभव है कि वह कमिटेड होने के साथ-साथ अपने पार्टनर को माइक्रो-चीट कर रहा हो।
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अपने एक्स को स्टॉक करना
माइक्रो चीटिंग करने वाले लोग अक्सर सोशल मीडिया पर अपने एक्स को स्टॉक करते हैं और कई बार उनसे संपर्क करने का प्रयास करते हैं।
फोन में डेटिंग एप्स होना
अगर किसी कमिटेड व्यक्ति के फोन पर डेटिंग ऐप्स हैं तो यह भी माइक्रो चीटिंग का संकेत हो सकता है।