International Yoga Day 2024: आज पूरी दुनिया में योग बड़े ही उत्साह से मनाया जा रहा है। ऐसे में बच्चों को खासकर इसमें शामिल करना बहुत जरूरी हो गया है, ताकि उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को ठीक रखने में मदद मिले। योग की हेल्प से बच्चे खुद को हेल्दी और मेंटली रूप से चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं। इसलिए हर उम्र के बच्चों को योग करना चाहिए।
आज के बच्चों में फोकस की कमी और मोटापे की समस्या ज्यादा रहती है। फोकस की कमी का एक कारण तनाव भी है। क्योंकि तनाव के चलते बच्चों की हेल्थ सही नहीं रहती और वे चाहकर भी एक काम में लगे रहना काफी मुश्किल ही हो जाता है। इसके अलावा 5 से 19 साल के 1.25 करोड़ बच्चे मोटापे के शिकार हैं।
तो इन गर्मियों की छुट्टियों को बेकार न जाने दें बल्कि इस योग दिवस से ही इन दोनों समस्या को दूर करने में योग को अपने जीवन का सहारा बना लें। डेली योग करने से न केवल बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है, बल्कि उनका शारीरिक और मानसिक तनाव भी दूर होता है। इससे शरीर भी हेल्दी और फिट रहता है। आइए जान लेते हैं कौन-कौन से हैं ये योग…
बच्चों में मोटापा रोकने और कंसंट्रेशन बढ़ाने वाले योग
उत्कटासन (Utkatasana)- पेट रहेगा फिट
इस योगासन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। पैरों के बीच एक फीट की दूरी बनाएं और सामने देखें। सांस लेते हुए दोनों हाथों को कंधे के लेवल तक उठाएं। शरीर को बैठने की स्थिति में तब तक नीचे करें, जब तक कि जांघ, पिंडलियों को न दबाने लगें। सांस छोड़ें। अब सांस भरते हुए पंजों के बल पर आ जाएं। सांस को 6 सेकंड तक रोकें। सांस छोड़ते हुए शुरू की पोजीशन में लौट आएं।
क्या है फायदा
डायफ्राम और दिल की कार्य प्रणाली में सुधार करता है। शरीर के संतुलन को बेहतर करता है। कंधों और छाती को स्ट्रेच करता है। यह हार्ट रेट को बढ़ाता है। नर्वस सिस्टम को टोन करते हुए सहनशक्ति को बढ़ाता है। इस योग से टखनों, जांघों, पिंडलियों और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
वृक्षासन (Vrikshasana)- पिंडली और टखनों को मजबूत करता है
इस योग को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब दाएं पैर को मोड़ते हुए पंजे को बाई जांघ पर जितना ऊपर हो सके टिकाएं। शरीर को संतुलित करते हुए बाजुओं को ऊपर उठाकर हथेलियों को नमस्कार की मुद्रा में जोड़ लें। 30 से 60 सेकंड तक इसी पोजीशन में रुकें। यह प्रोसेस दूसरे पैर से दोहराएं। यह क्रिया 5 से 10 मिनट तक करें।
क्या है फायदा
शारीरिक व मानसिक दोनों ही तरह से स्वास्थ्य को फायदा करता है। शारीरिक संतुलन को सुधारता है। छाती-कंधों में खिंचाव लाता है। एक तरह से ओवरऑल हेल्थ में सुधार करता है। वृक्षासन से पैरों की मसल्स को मजबूती मिलती है, खासकर जांघ, पिंडलियों और टखनों को। इसके अलावा यह आसन मेंटल पीस और फोकस को बढ़ाता है, जिससे तनाव और टेंशन कम होती है।
सर्वांगासन (Sarvangasana)
इस योग को करने से रीढ़ की हड्डी और कंधे मजबूत होते हैं। इसके लिए पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को शरीर से सटा लें। अब हथेली से फर्श पर जोर लगाते हुए पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। हाथों को मोड़कर कमर पर लगाते हुए हिप्स सहित कमर के हिस्से को जमीन से ऊपर उठा लें। पैरों को पूरी तरह सीधा करने का प्रयास करें। इस स्टेज में 15 से 20 सेकंड तक रुकें।
क्या है फायदा
ब्लड फ्लो को ठीक करता है। इससे आर्टरी पर प्रेशर कम होता है। शरीर का बैलेंस बढ़ता है।
फोकस बढ़ाएंगी ये दो योग क्रियाएं
कपाल रंध्र धौति- दिमाग और चेहरे के तनाव को कम करती है
अंगूठे को कान के पास रखें। अब पहली उंगलियों से माथे की मालिश करें। इसके बाद पहली और दूसरी उंगली से आंखों के आसपास सर्कुलेशन मोशन से मालिश करें। भौहों (Eyebrows) को दबाएं। गालों पर ऊपर की ओर मालिश करें। उंगलियों से बाएं से दाएं होठों के ऊपर और नीचे मालिश करें। चेहरे के किनारों और कानों के पीछे की तरफ मालिश करें। ऊपर की ओर देखें और गर्दन पर ऊपर की ओर मालिश करें।
कर्ण रंध्र धौती- ब्लड सर्कुलेशन और याद रखने की क्षमता को बढ़ाती है
छोटी उंगलियों को कान में हल्के से डालें और फिर घड़ी की दिशा में और फिर उल्टी दिशा में घुमाएं। कान के अंदर के हिस्से के ब्लड सर्कुलेशन में मदद मिलती है। एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद करता है। ये आसान योग तकनीक है। ये एक तरह से बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस के अलावा कफ से भी छुटकारा दिलाने के लिए उपयोगी है। शरीर में खून और ऑक्सीजन का फ्लो भी बेहतर होता है।
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