Health Tips: हेल्दी रहने के लिए जिस तरह 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है, उसी तरह सही पोसिशन में भी सोना जरूरी होता है। नींद के दौरान, हमारे शरीर के कई अंग शरीर को एक्टिव बनाने का काम करते हैं। जैसे कि ये यादों को मजबूत करता है और हार्मोन को कंट्रोल करता है। नींद का पैटर्न खराब होने के कारण थकान, कमजोरी और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हम जिस पोजीशन में सोते हैं उसका असर रीढ़ की हड्डी, जोड़ों और यहां तक कि हमारी सांस लेने की आदतों पर भी पड़ सकता है। आइए जानते हैं किन-किन पोजीशन में सोना हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है?
पेट के बल सोना
पेट के बल सोना एक आम स्थिति है, लेकिन इससे हेल्थ पर नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों ही तरह से असर होते हैं। पॉजिटिव असर ये है कि इससे खर्राटों और स्लीप एपनिया को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, पेट के बल सोने से गर्दन और पीठ में खिंचाव, रीढ़ की हड्डी का खराब होना और पेट पर दबाव के कारण डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं, जिससे आपके हार्ट पर भी प्रभाव पड़ता है।
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फीटल पोजीशन
फीटल पोजीशन जिसमें एक व्यक्ति एक तरफ मुड़ा हुआ सोता है, जो एक आम और आरामदायक नींद की स्थिति है। यह खर्राटों और स्लीप एपनिया को कम करके शरीर को फायदा पहुंचाता है और पीठ दर्द को भी कम कर सकता है। आमतौर पर, बच्चे और बड़े वयस्क इस स्थिति में सोते हैं क्योंकि यह सुरक्षा और आराम की भावना प्रदान करता है। हालांकि, अगर सही तरीके से नहीं किया जाता है तो ये झुर्रियों और खराब रीढ़ की हड्डी को खराब कर सकता है।
पीठ के बल सोना
पीठ के बल सोना सभी को पसंद आता है, जिससे हेल्थ कई फायदे भी होते हैं। ये रीढ़ की हड्डी को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। इससे गर्दन और पीठ पर तनाव कम होता है। ये स्थिति घुटने और कूल्हे के दर्द को कम करने में भी मदद करती है। इसके अलावा, पीठ के बल सोने से एसिड रिफ्लक्स के लक्षण कम हो सकते हैं और बेहतर श्वास को बढ़ावा मिलता है, जिससे अधिक आरामदायक और तरोताजा नींद आती है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।