हैंडलूम कॉटन साड़ियां भारतीय परंपरा की पहचान मानी जाती है। महिलाएं कॉटन साड़ी को गर्मियों में ज्यादा पहनना पसंद करती हैं, क्योंकि इसका कपड़ा हल्का और आरामदायक होता है। हैंडलूम कॉटन साड़ियां भारतीय बुनकरों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती हैं। आज के समय में हैंडलूम कॉटन साड़ियों की मांग बढ़ गई है। NRI और विदेशी भी इन्हें पहनना पसंद करते हैं। इसकी वजह से साड़ियों का बाजार मशीन से बनी नकली साड़ियों से भर गया है, जो हैंडलूम कॉटन साड़ियों की तरह ही नजर आती हैं। इनमें फर्क करना कई बार मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आप असली हैंडलूम कॉटन साड़ी को पहचानने के लिए कुछ आसान से ट्रिक्स को अपना सकते हैं…
बुनाई की जांच करें
असली हैंडलूम कॉटन साड़ियों में कुछ अधूरी बुनाई होती है। मशीन से बनी साड़ियों में आमतौर पर एक समान और फिनिशिंग होती हैं। लेकिन असली साड़ियों में थोड़ी अनियमितता होती है। ये कोई कमी नहीं हैं, बल्कि ये बुनकरों की प्रामाणिकता और कोशिशों को दर्शाती है। इसलिए, अगर आपको साड़ी के कपड़े में थोड़ी सी भी इर्रेगुलरिटी दिखती है, तो जान लें कि यह असली हैंडलूम कॉटन साड़ी है।
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हैंडलूम मार्क देखें
पारंपरिक भारतीय हैंडलूम कॉटन साड़ियों पर हमेशा भारत सरकार का हैंडलूम मार्क लगा होता है। ये शुद्ध हैंडलूम प्रोडक्ट के लिए प्रामाणिकता का प्रमाण पत्र है और आपको आश्वस्त करता है कि आप असली हैंडलूम कॉटन साड़ियों को खरीद रहे हैं। यदि आपको लेबल या टैग नहीं दिखता है, तो दुकानदार से प्रमाण पत्र मांगें ताकि ये पुष्टि हो सके कि उनके पास असली हैंडलूम कॉटन साड़ियां ही मिलती हैं।
कपड़े को छूकर देखें
हैंडलूम कॉटन साड़ियां अपने हवादार और मुलायम कपड़े के लिए जानी जाती हैं, इसलिए, शुद्ध साड़ियां खुरदरी लगती हैं। दूसरी ओर, मशीन से बनी हैंडलूम कॉटन साड़ियां, सिंथेटिक धागों के इस्तेमाल के कारण नेचुरल रूप से चमकदार और रेशमी फिनिश वाली होती हैं। इसे छुने पर ये काफी सॉफ्ट लगती है।
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