COPD Disease: गर्भावस्था बहुत एक बहुत ही संवेदनशील समय होता है। इस समय महिलाओं को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। सही तरीके से देखरेख पर इस समय महिला के शरीर में कई तरह की समस्या हो सकती है, जिसमें से एक है क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) की समस्या। सीओपीडी फेफड़ों की बीमारी है और इस दौरान सांस लेने में दिक्कत होती है। गर्भावस्था के दौरान सीओपीडी से पीड़ित महिलाओं और उनके बच्चों की सेहत पर असर पड़ सकता है। हालांकि, इसे ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इस समस्या का इलाज कैसे किया जा सकता है?
एक्सरसाइज करें
पर्स्ड-लिप ब्रीदिंग और डायाफ्रामेटिक ब्रीदिंग जैसे सांस से जुड़े एक्सरसाइज फेफड़ों को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। और डिस्पेनिया को कंट्रोल करते हैं। इसके अलावा ये गतिविधियां महिलाओं को आराम करने और प्रसव के लिए तैयार होने में मदद करती हैं। गर्भावस्था में महिलाएं किसी एक्सपर्ट की देखरेख में इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं। साथ ही कई तरह के योग भी फेफड़ों को हेल्दी बनाने मदद कर सकते हैं।
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हेल्दी लाइफस्टाइल
गर्भावस्था में शारीरिक गतिविधि के लिए हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी होता है।बाइलेंस डाइट लेने से फेफड़े एक्टिव होते हैं और सीओपीडी को विकसित होने से रोका जा सकता है। शारीरिक एक्सरसाइज के माध्यम से फेफड़ों और मांसपेशियों की ताकत को बनाए रखा जा सकता है, जिससे आपको फिट रहने में मदद मिलती है।
समय पर मेडिकल टेस्ट
गर्भावस्था के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने डॉक्टर के पास समय-समय पर जाकर टेस्ट करवाते रहें। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपकी हेल्थ ठीक है या नहीं। इसके साथ ही ये भी पता चल सकता है कि आपके फेफड़े कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
सीओपीडी के लक्षण पर ध्यान दें
गर्भावस्था के दौरान सीओपीडी को कंट्रोल करने के लिए अपने लक्षणों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जैसे कि खांसी, घरघराहट, सांस लेने में समस्या, थकावट, सीने में जकड़न और सांस फूलना संभावित ट्रिगर को देखने में मदद कर सकता है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।