History of the First Budget: क्या आपने कभी सोचा है कि बजट की परंपरा कहां से शुरू हुई? क्या आपको पता है कि सबसे पहले किस देश ने अपना पहला बजट पेश किया था? भारत में बजट की शुरुआत कैसे हुई और भारत के पहले बजट का क्या इतिहास है? आज के समय में बजट को हिंदी में क्यों पेश किया जाता है? अगर ये सब सवाल आपके मन में हैं, तो जानिए इस बारे में दिलचस्प जानकारी, जो आपको बजट से जुड़ी हर बात को नए नजरिए से देखने का मौका देगी।
दुनिया में सबसे पहले इस देश ने पेश किया था पहला बजट?
बजट पेश करने की परंपरा की शुरुआत सबसे पहले इंग्लैंड (England) में हुई थी। 1760 में इंग्लैंड ने सबसे पहले बजट पेश किया था और इस परंपरा की नींव रखी, जिसके बाद अन्य देशों ने भी अपने बजट पेश करने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद, 1817 में फ्रांस और 1921 में अमेरिका ने भी बजट पेश करने की परंपरा अपनाई।
भारत में बजट की शुरुआत
भारत में बजट की परंपरा ब्रिटिश शासनकाल के दौरान शुरू हुई थी। जब 1857 का विद्रोह हुआ, तो ब्रिटिश सरकार ने भारत की वित्तीय व्यवस्था को सुधारने के लिए अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन को बुलाया। जेम्स विल्सन ने 7 अप्रैल 1860 को भारत का पहला केंद्रीय बजट लंदन में पेश किया। यह भारत के लिए बजट की शुरुआत थी।
आजाद भारत का पहला बजट
भारत की स्वतंत्रता के बाद, 26 नवंबर 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर. के. षणमुगम चेट्टी ने स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया। यह बजट भारतीय जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह स्वतंत्र भारत की पहली वित्तीय योजना थी।
भारत में बजट की भाषा: कब हुआ हिंदी में प्रस्तुत?
ब्रिटिश शासन के दौरान, बजट अंग्रेजी में ही पेश किया जाता था। इससे आम जनता को बजट समझने में कठिनाई होती थी। लेकिन स्वतंत्रता के बाद, 1955 में सरकार ने फैसला किया कि बजट को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पेश किया जाएगा। इससे बजट आम जनता के लिए ज्यादा समझ में आने योग्य बन गया।
बजट शब्द की उत्पत्ति
‘बजट’ शब्द लैटिन भाषा के ‘बुल्गा’ शब्द से आया है, जिसका मतलब होता है थैला। फ्रांसीसी भाषा में इसे ‘बुगेट’ कहा जाता था, जो बाद में अंग्रेजी में ‘बोगेट’ बन गया और फिर समय के साथ यह शब्द ‘बजट’ के रूप में उपयोग होने लगा। अब दुनिया के लगभग सभी देशों में बजट का उपयोग उनके वित्तीय विवरण को प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है।