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‘कमाई के लिए मजाक बर्दाश्त नहीं’, समय रैना समेत कई यूट्यूबर्स को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना को दिव्यांगों के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कमाई के लिए किसी समुदाय का मजाक उड़ाना स्वीकार्य नहीं है। हर व्यक्ति की गरिमा की रक्षा होनी चाहिए। कोर्ट ने दोनों को वीडियो बनाकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का निर्देश दिया है।

Author By: News24 हिंदी Updated: Aug 25, 2025 16:02
Supreme court
सुप्रीम कोर्ट से रणवीर अलाहाबादिया और समय रैना को फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर समय रैना समेत कई यूट्यूबर्स को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि हर व्यक्ति की गरिमा का ख्याल रखना जरूरी है। दिव्यंगों की भावनाओं को रौंदा गया है। कमाई के लिए मजाक बर्दाश्त नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि हर व्यक्ति की गरिमा की रक्षा होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने के लिए भी कहा है। इसके साथ ही निर्देश दिया है कि वह वीडियो बनाकर लोगों से माफी मांगे। अलाहाबादिया के साथ ही समय रैना को भी कोर्ट ने फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने I&B को भी निर्देश दिया है। 

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सुप्रीम कोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिया है कि इस दिशा में गाइडलाइन और सजा का प्रावधान किया जाए। मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि हास्य जीवन का एक हिस्सा है और हम मजाक सह सकते हैं लेकिन जब आप दूसरों का मजाक उड़ाने लगते हैं तो संवेदनशीलता का हनन होता है। भारत एक विविधतापूर्ण देश है जहां अनेक समुदाय हैं और ये तथाकथित आज के प्रभावशाली लोग हैं। जब आप भाषण का व्यवसायीकरण कर रहे हों तो आप किसी समुदाय का इस्तेमाल करके उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना, विपुल गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, निशांत जगदीश तंवर और सोनाली ठक्कर उर्फ ​​सोनाली आदित्य देसाई को दिव्यांग लोगों के खिलाफ असंवेदनशील टिप्पणियों के लिए अपने यूट्यूब चैनलों आदि पर बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रणबीर अलाहबादिया और समय रैना जैसे यूट्यूबर्स की मजाक के नाम पर भद्दी टिप्पणियां करना अस्वीकार्य है।

यह भी पढ़ें : India’s Got Latent विवाद पर रणवीर अल्लाहबादिया की रूमर्ड गर्लफ्रेंड ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा?

क्या है मामला?

बता दें कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से प्रभावित मरीजों और उनके परिवारों की सहायता करने वाली संस्था क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया की तरफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई हो रही थी। इस याचिका में विकलांग लोगों का मजाक उड़ाने वाले चुटकुलों को लेकर शिकायत की गई थी।

याचिका में जिन लोगों के नाम शामिल थे, उसमें समय रैना, विपुन गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तंवर शामिल थे। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए सभी से मांफी मांगने और इसे अपने चैनल पर अपलोड करने के लिए कहा है।

First published on: Aug 25, 2025 12:02 PM

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