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कौन थे शशांक तिवारी? 23 साल के आर्मी ऑफिसर साथी को बचाते हुए शहीद

सिक्किम में सिक्किम स्काउट्स के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने एक अग्निवीर को बचाने के लिए अपनी जान लगा दी। 22 मई को रूट ओपनिंग पेट्रोल का नेतृत्व करते समय एक अग्निवीर नदी में बह गया। लेफ्टिनेंट ने उसे बचाने के लिए छलांग लगा दी, लेकिन खुद तेज बहाव में बह गए।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: May 24, 2025 07:34
Lieutenant Shashank Tiwari
Lieutenant Shashank Tiwari

सिक्किम में एक सैन्य अभियान के दौरान अग्निवीर को बचाने के क्रम में सिक्किम स्काउट्स के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी बलिदान हो गए। साहस की मिसाल पेश करते हुए भारतीय सेना के एक अधिकारी ने सिक्किम में एक साथी सैनिक को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी, लेकिन बाद में वह भी पानी में बह गए। पिछले साल दिसंबर में सिक्किम स्काउट्स के 23 साल के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में एक सामरिक संचालन बेस की ओर एक रूट ओपनिंग गश्ती दल का नेतृत्व कर रहे थे। गश्ती दल के एक सदस्य ने सुबह करीब 11 बजे एक लॉग ब्रिज को पार करते समय अपना नियंत्रण खो दिया। अग्निवीर स्टीफन सुब्बा पुल से गिर गए और एक पहाड़ी धारा में बह गए। लेफ्टिनेंट तिवारी ने डूब रहे सुब्बा को बचाने के लिए पानी में छलांग लगा दी। एक अन्य सैनिक नायक पुकार कटेल ने तुरंत उनकी सहायता की और वे डूबते हुए अग्निवीर को बचाने में सफल रहे।

अग्निवीर को सुरक्षित निकाल लिया गया

जबकि सुब्बा को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेफ्टिनेंट तिवारी तेज धारा में बह गए और उनका शव करीब 30 मिनट बाद 800 मीटर नीचे की ओर मिला। भारतीय सेना ने बताया कि अपनी कम उम्र में लेफ्टिनेंट तिवारी अपने पीछे साहस और सौहार्द की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के सैनिकों को प्रेरित करेगी। सिलीगुड़ी स्थित 33 कोर (त्रिशक्ति कोर) ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि वीरतापूर्ण व्यक्ति के पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर ले जाने से पहले, त्रिशक्ति कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए मिनवाला ने बेंगडुबी सैन्य स्टेशन पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ पुष्पांजलि अर्पित की। उनकी बहादुरी और कर्तव्य के प्रति समर्पण पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

कौन थे लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी? 

अयोध्या के मझवां गद्दोपुर गांव निवासी शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का बचपन से ही सेना में जाने का सपना था। अयोध्या के केजिंगल बेल स्कूल से पढ़ाई शुरू करने वाले शशांक ने साल 2019 में जेबीए एकेडमी से इंटरमीडिएट किया और उसी साल पहली ही कोशिश में उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में हो गया। शशांक ने साल 2019 में एनडीए के जरिए भारतीय सेना ज्वाइन की थी। पिछले साल 17 दिसंबर को ट्रेनिंग के बाद उन्हें पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट की पोस्ट पर कमीशन मिला था। इसके बाद उन्हें सिक्किम में पहली बार तैनात किया गया था। अयोध्या जिला प्रशासन के मुताबिक, शनिवार को अयोध्या के जमथरा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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First published on: May 24, 2025 07:20 AM

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