What will happen if ChatGPT is used for military purpose: चैटजीपीटी के महत्व और इसके काम करने के तरीके के बारे में तो आपको पता ही होगा। इसे ओपेन एआई ने डेवलप किया है जो किसी भी विषय के बारे में सूचना देता है। यह आपके सवालों का जवाब तो देती ही है साथ ही इंसानों की तरह बातचीत भी करता है। पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है। सवाल है कि क्या यह इंसानों को रिप्लेस कर सकता है। क्या आपने कभी सोचा है कि सेना में इसका इस्तेमाल हो तो क्या होगा। अगर किसी सैन्य कार्य के लिए इसका इस्तेमाल किया जाए तो क्या होगा।
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल तक ओपेन एआई अपने मॉडल्स को ऐसी गतिविधि के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देता था जिसमें हथियार विकास, सैन्य और युद्ध सहित शारीरिक नुकसान का खतरा ज्यादा था। अब इसने सैन्य और युद्ध शब्द हटा दिए हैं। 10 जनवरी को इसने अपनी पॉलिसी को अपडेट किया।
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पेंटागन के साथ कर रहा काम
ओपेन एआई अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के साथ कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है जिसमें साइबर सिक्यूरिटी भी शामिल है। इस बात का डर है कि इसका मिलिट्री और युद्ध के क्षेत्र में गलत इस्तेमाल हो सकता है। ओपेन एआई के सबसे बड़े निवेशक माइक्रोसॉफ्ट क्रॉप का पहले ही अमेरिका में पहले ही सेना और अन्य सरकारी ब्रांच से कॉन्ट्रैक्ट है।
ओपने एआई के वैश्विक मामलों को वाइस प्रेसिडंट ने दावोस के वर्ल्ड इकोनामिक फोरम में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि कंपनी ने यूएस सरकार से वयोवृद्ध आत्महत्याओं को रोकने में सहायता के तरीकों के बारे में बातचीत शुरू की है। ओपेन एआई ने टेक क्रंच को बताया कि वह अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल दूसरों को नुकसान पहुंचाने, हथियार विकसित करने में नहीं करने देगा।
क्या है चैटजीपीटी
बता दें कि ओपेन एआई कंपनी आर्टिफिशिय इंटेलिजेंस से संबंधित चीजों पर काम करती है। इसी कंपनी ने चैटजीपीटी को बनाया है। इसके माध्यम से हम कई तरह के काम करा सकते हैं। लेकिन चैटजीपीटी में अगर कोई गलत चीज आती है तो यह उसके लिए मना कर सकता है। अगर आतंकवादियों या उनसे जुड़ी कोई चीज है तो यह गलत रिक्वेस्ट को रिजेक्ट कर सकता है। इस मॉडल के अंदर कई तरह की कमियां हैं।
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