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क्या होता है Psychological Test? जिससे खुलेंगे कोलकाता में 35 मिनट हुई हैवानियत के राज!

Kolkata Woman Doctor Death Case: सीबीआई डॉक्टर से हैवानियत के आरोपी का साइकोलॉजिकल टेस्ट करवा रही है। सीबीआई को उम्मीद है कि इस टेस्ट के बाद वारदात के सारे राज उसके सामने आ जाएंगे। ये टेस्ट क्या होता है? कैसे पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है? इसके बारे में जानते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Aug 18, 2024 17:33
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West Bengal Crime: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से दरिंदगी का मामला छाया हुआ है। कई राज्यों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठे थे। जिसके बाद इसे जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया था। अब सीबीआई की CFSL टीम आरोपी को साइकोलॉजिकल टेस्ट करवाने के लिए लेकर आई है। इस टेस्‍ट का मकसद आरोपी संजय रॉय की मानसिक स्थिति का पता लगाना है। महिला डॉक्टर नाइट ड्यूटी पर थीं। आरोपी ने एकदम हमला किया या वह पूरी प्लानिंग करके आया था? इस बारे में भी पूछताछ की गई है। सूत्रों के अनुसार आरोपी के मोबाइल में काफी आपत्तिजनक कंटेंट मिला है।

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जो इस बात की गवाही दे रहा है कि आरोपी को लंबे समय से आपत्तिजनक चीजें देखने की लत थी। इसलिए आरोपी की मानसिक स्थिति का सही आकलन सीबीआई करवा रही है। आरोपी की मानसिक स्थिति के बारे में पता लगने के बाद ही रेप और हत्या के पीछे की असली वजह सामने आएगी। आरोपी ने पहले तो कभी ऐसा कांड नहीं किया? यह भी जांच का विषय है। ऐसे में माना जा रहा है कि संजय के साइकोलॉजिकल टेस्ट के बाद 35 मिनट तक डॉक्टर से हुई हैवानियत के सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। इस टेस्ट को पूरा होने में अमूमन 3-6 घंटे का वक्त लगता है।

सच और झूठ का लगाया जाता है पता

अब जानते हैं कि साइकोलॉजिकल टेस्‍ट क्या होता है? यह एक ऐसा वैज्ञानिक तरीका होता है, जिसमें आरोपी के व्यवहार संबंधी गुणों की जांच की जाती है। व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक स्थिति को सही परखा जाता है। उसकी बुद्धि, रुचि, मनोवैज्ञानिक विशेषताएं कैसी हैं? कितना एग्रेसिव है? इस बारे में पता लगाया जाता है। टेस्ट के दौरान कुछ अस्पष्ट चीजें (स्याही के धब्बे, फोटो) आरोपी को दिखाई जाती हैं। जिसके ऊपर उसकी प्रतिक्रिया ली जाती है। उसका मन कितना शांत और अशांत है? इस प्रकार की कई बातों का पता लगाया जाता है। खास बात यह है कि इस टेस्ट में लेयर्ड वॉइस एनालिसिस भी आरोपी का किया जाता है। जिससे पता लग जाता है कि आरोपी सवालों के जवाब सही दे रहा है या गलत। टेस्ट के दौरान आवाज से ही सच्चाई का पता लग जाता है।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Aug 18, 2024 05:33 PM

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