What is Interim Budget Vote on Account in Hindi: हर साल देश के बजट को लेकर आमजन में उत्साह रहता है। कौनसी चीजों कीमत बढ़ीं या किन चीजों की कीमतें कम होंगी, बजट से ही इसका पता लग जाता है। इसके साथ ही लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट का ऐलान भी किया जाता है। इस बार आम बजट लोकसभा चुनाव से पहले एक फरवरी को पेश किया जाएगा, लेकिन ये आम बजट न होकर अंतरिम बजट होगा। आइए जानते हैं कि आम बजट और अंतरिम बजट में आखिर क्या अंतर है।
अंतरिम बजट को चुनावी साल या उस समय पेश किया जाता है जब पुरानी सरकार के पास बहुत ज्यादा समय नहीं होता। इस अंतरिम बजट को पेश करने का उद्देश्य ये होता है कि नई सरकार अपने हिसाब से पूर्ण बजट तैयार कर सके। जब चुनाव के बाद नई सरकार आती है तो संसद के नए सत्र में इस बजट को पेश कर दिया जाता है। इस दौरान सरकारी खर्चों को पूरा करने और सरकारी योजनाओं को जारी रखने के लिए बजट पेश किया जाता है। इसलिए अंतरिम बजट को अस्थायी बजट भी कहा जाता है।
क्यों पड़ती है अंतरिम बजट की जरूरत?
दरअसल, केंद्रीय बजट किसी विशेष वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक ही वैध होता है। यदि उस तारीख से पहले पूर्ण बजट पेश नहीं किया जा सकता है, तो सरकार को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से लेकर नया बजट पारित होने तक पैसा खर्च करने की मंजूरी की आवश्यकता होती है। ऐसे में अंतरिम बजट लाया जाता है। इसमें आमतौर पर बड़ी घोषणाएं नहीं होतीं। इसमें पिछले वर्ष की कमाई और व्यय पर प्रगति रिपोर्ट भी पेश की जा सकती है। साथ ही नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले कुछ महीनों में किए जाने वाले संभावित खर्चों के बारे में भी बताया जाता है।
Bring the following in #Budget2024 @nsitharaman
---विज्ञापन---– Inheritance Tax if Assets > 10 cr
– Remove LTCG on Equity/ MF or STT
– Agriculture Income Tax > 1 cr Income
– New Regime can claim HRA benefit
– New Regime can claim Interest on home loanWhat are your Budget Expectations?
— CA Chirag Chauhan (@CAChirag) December 29, 2023
छोटी अवधि का बजट
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, अंतरिम बजट में बड़े नीतिगत बदलाव की अनुमति नहीं दी जाती। अंतरिम बजट में वोट ऑन अकाउंट का भी प्रावधान होता है। ये प्रावधान चुनाव तक प्रशासनिक लागतों के अस्थायी भुगतान जारी करने की अनुमति देता है। वोट ऑन अकाउंट कंसोलिडेटेड फंड या संचित निधि से सरकार को दी जाने वाली ग्रांट है। जिसे नया वित्त वर्ष पूरा होने तक सीमित समय के लिए सरकारी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया जाता है।
Just realised this year is all about the Interim Budget. Bus UPSC Wale hi iski Khushi samjh skte h!!
— Dev (@dev_xyz28) January 4, 2024
यह आमतौर पर दो महीने के लिए वैध होता है, हालांकि इसे बढ़ाया भी जा सकता है। कुल मिलाकर ये बजट छोटी अवधि के लिए होता है। हालांकि इसे पेश करना जरूरी नहीं है। सरकार के पास वोट ऑन अकाउंट का भी विकल्प होता है, लेकिन ज्यादातर सरकारें अंतरिम बजट को पेश करती हैं। मोदी सरकार का ये दूसरा अंतरिम बजट होगा। इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी। इससे पहले पीयूष गोयल ने 2019 में अंतरिम बजट पेश किया था।
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