Free Trade Agreement Explainer: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रिटेन की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से लंदन में मुलाकात की। इस बीच दोनों देशों में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) फाइनल हो गया। दोनों देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। आइए जानते हैं कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट क्या है और ब्रिटेन के साथ एग्रीमेंट साइन करने पर भारत को कैसे और क्या फायदा होगा?
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क्या है मुक्त व्यापार समझौता (FTA)?
मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) 2 या 2 से अधिक देशों के बीच एक समझौता है, जिसके तहत एग्रीमेंट में शामिल देश एक दूसरे के व्यापार को बढ़ावा देते हैं। इसके लिए आयात-निर्यात पर लगने वाले टैरिफ और अन्य बाधाओं को घटाते हैं या हटाते हैं। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य देशों के बीच ट्रेड को आसान बनाना, व्यापार, निवेश, आर्थिक सहयोग को बढ़ाना और दोनों देशों के बाजार तक एक-दूसरे की पहुंच को बेहतर करना है। FTA के तहत, आयात-निर्यात पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को कम किया जाता है या पूरी तरह हटा दिया जाता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं के दाम कम हो जाते हैं।
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किस-किस के साथ है भारत का FTA?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट द्विपक्षीय हो सकता है, जिसमें 2 देश शामिल हो सकते हैं। जैसे भारत और जापान के बीच CEPA समझौता हुआ है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट बहुपक्षीय भी हो सकता है, जिसमें कई देश शामिल हो सकते हैं। जैसे ASEAN देशों और भारत के बीच FTA हो चुका है। जापान और आसियान देशों के अलावा भारत ने कोरिया और श्रीलंका के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन किया हुआ है। हाल ही में, भारत ने UAE, ऑस्ट्रेलिया के साथ और EFTA (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन) के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन किया है, जिसके तहत भारत समेत सभी देशों के व्यापार और निवेश में वृद्धि होने की उम्मीद है।
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भारत और ब्रिटेन में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) 6 मई 2025 को फाइनल हुआ था। दोनों देशों में समझौते पर बातचीत साल 2022 में शुरू हुई थी। 3 साल से ज्यादा समय तक चली वार्ताओं के बाद समझौता फाइनल हुआ था, जिस पर आज साइन होंगे। इस समझौते को ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन का सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौता माना जा रहा है। वहीं भारत के लिए यह यूरोपीय देशों के साथ दूसरा बड़ा FTA है।
भारत और ब्रिटेन को FTA से फायदे
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भारत के लिए ब्रिटेन के बाजार में और ब्रिटेन के लिए भारत में व्यापार के लिए दरवाजे खोलेगा। वहीं भारत-UK मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में हर साल 25.5 बिलियन यूरो का इजाफा करेगा। हजारों नौकरियां पैदा करेगा और दोनों देशों के व्यापारियों के लिए निवेश और ट्रेड के नए अवसर खोलेगा। इंडियन कंज्यूमर्स को सस्ती दरों पर ब्रिटिश प्रोडक्ट जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, कॉस्मेटिक्स, कारें और मेडिकल डिवाइस मिलेंगे।
ब्रिटेन भेजी जाने वाली चीजों पर टैरिफ 15% से घटकर 3% हो जाएगा। व्हिस्की, ऑटोमोबाइल, कॉस्मेटिक्स, मेडिकल डिवाइस, भेड़ का मांस, सैल्मन, इलेक्ट्रिकल मशीनरी और चॉकलेट पर भी टैरिफ कम हो जाएगा। भारत के टेक्सटाइल, चमड़ा, जूते, रत्न, आभूषण, इंजीनियरिंग और ऑटो पार्ट्स जैसे सेक्टर्स को बढ़ावा मिलेगा। वहीं ब्रिटेन की GDP में साल 2040 तक प्रतिवर्ष 4.8 बिलियन पाउंड (6.4 बिलियन डॉलर) की वृद्धि और वेतन में 0.2% की बढ़ोतरी का अनुमान है।
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वहीं ब्रिटेन से आने वाली चीजों पर लगने वाले 90% टैरिफ को कम किया जाएगा या हटाया जाएगा। IT सेक्टर, फाइनेंशियल सर्विस, आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग सेक्टर को फायदा होगा। डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन (DCC) के तहत भारतीय कर्मचारियों और उनकी कंपनियों को ब्रिटेन में अस्थायी रूप से काम करने पर 3 साल तक सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट मिलेगी। इसमें कॉन्ट्रैक्ट सर्विस सप्लायर्स, बिजनेस विजिटर्स, इन्वेस्टर्स, योगा ट्रेनर, म्यूजिशियन और शेफ शामिल हैं।