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J-K में परिसीमन लगाएगा बीजेपी की नैया पार? 10 साल बाद चुनाव, जानें क्या-क्या बदला

Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद आरक्षित सीटों ने समीकरण बदल दिया है। ज्यादातर आरक्षित सीटें जम्मू संभाग में हैं। इन सीटों के सियासी बिसात पर अस्तित्व में आने से नए राजनीतिक समीकरण पनपने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Aug 17, 2024 13:25
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जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं।

Jammu Kashmir Assembly Election 2024: पूरे 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। लेकिन इस बार का चुनाव काफी बदला हुआ है। सबसे बड़ी बात कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद सीटों की संख्या जम्मू संभाग में बढ़ गई हैं। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद पहली बार हो रहे चुनाव में सबकी नजरें बीजेपी के चुनावी प्रदर्शन पर हैं।

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केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव

जम्मू और कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश है। परिसीमन के बाद राज्य में सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है। इन 90 सीटों के लिए 86 लाख मतदाता वोट डालेंगे। परिसीमन के बाद जम्मू क्षेत्र में 6 सीटें बढ़ी हैं, जबकि कश्मीर क्षेत्र में 1 सीट बढ़ी है। ये बदलाव 2011 की जनगणना के आधार पर की गई हैं।

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महबूबा और उमर – चुनावी रेस से बाहर

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। वहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जब तक जम्मू कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता है। तब तक वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। इनके अलावा अलगाववादी नेता यासिन मलिक भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। 2022 में यासिन मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

इन पर लगा बैन

जम्मू कश्मीर के चुनाव में अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की पार्टी जम्मू-कश्मीर फ्रीडम पार्टी और नईम खान की पार्टी जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट चुनावी रण में नहीं उतर पाएंगी। दोनों पार्टियों पर 2023 में केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया था।

दलितों-आदिवासियों के लिए इतनी सीटें रिजर्व

नाजिर अहमद खान बारामूला के गुरेज से तीन बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस बार वे अपनी सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। गुरेज सीट नए परिसीमन में आदिवासियों के लिए रिजर्व हो गई है। इस सीट की तरह ही कंगन, कोकेमाग, राजौरी, बुद्धल, सूरकोट और मेंढर सीट भी रिजर्व कर दी गई है। नए परिसीमन के बाद राज्य में 9 सीटें आदिवासियों के लिए रिजर्व हैं, जबकि दलितों के लिए सात सीटें रिजर्व की गई हैं। इनमें ज्यादातर सीटें जम्मू क्षेत्र में हैं।

क्या है चुनावी शेड्यूल

चुनाव आयोग ने 90 सीटों पर तीन चरणों में मतदान कराने का फैसला किया है। पहले चरण में 24 सीटों पर 18 सितंबर को, दूसरे चरण में 26 सीटों पर 25 सितंबर को और तीसरे चरण में 40 सीटों पर 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। राज्य में विधानसभा का आखिरी चुनाव 2014 में हुआ था।

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Written By

Nandlal Sharma

First published on: Aug 17, 2024 01:20 PM

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