Home Ministry action on anti national website URL: केंद्र सरकार की ओर से बीते पांच वर्षों में देश विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए बड़े स्तर पर चाबुक चला है। बता दें कि जनवरी 2018 और अक्टूबर 2023 के बीच, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत 36,838 (वेबसाइट) को बैन कर दिया। यह जानकारी शुक्रवार को राज्यसभा में राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सीपीआई (M)जॉन ब्रिटास को एक लिखित जवाब में दी है।
X ने सबसे ज्यादा URL किए ब्लॉक
सबसे ज्यादा वेबसाइटों के यूआरएल ब्लॉक करने में एक्स(पहले ट्विटर) पहले नंबर पर है, उसने बीते 70 दिनों में 13,660 यूआरएल ब्लॉक किए, जबकि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म – फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब ने आईटी नियमों को लेकर कोई सख्ती नहीं दिखाई है। 2018 में, MeitY ने 2,799 यूआरएल ब्लॉक किए, जबकि इस साल अक्टूबर तक 7,502 यूआरएल ब्लॉक किए गए। वहीं 2020 में सबसे ज्यादा 9,849 यूआरएल ब्लॉक किए गए।
6 वजहों से जारी होते हैं आदेश
आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत, आईटी सचिव के अप्रूवल पर और 69ए रोकथाम समिति की सिफारिश पर, किसी भी मीडिएटर या सरकारी एजेंसी को 6 वजहों से बैन करने के आदेश जारी कर सकता है। इसके पीछे का मकसद भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, स्टेट(देश) की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध या सार्वजनिक व्यवस्था, या किसी संगीन अपराध को रोकना होता है।
बैन करने के पैमाने को मापना कठिन
यह स्पष्ट नहीं है कि दी गई यूआरएल की सूची में ऐप्स के खिलाफ जारी किए गए ब्लॉकिंग आदेश शामिल हैं या नहीं। इस डेटा में न्यायिक अदालतों द्वारा जारी किए गए बैन आदेश भी शामिल नहीं हैं जो मानहानि, कॉपीराइट उल्लंघन आदि सहित किसी भी कानूनी कारण से हो सकते हैं।