El Nino effect in india 2024: प्रशांत महासागर में हो रहे बदलाव से अल-नीनो की स्थिति बनी हुई है। जिससे भारत में मार्च माह में ही भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अल-नीनो के चलते तापमान में बढ़ोतरी हुई है। जिससे मानसून कमजोर होगा और गर्मी बढ़ेगी। दरअसल,वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) ने अलर्ट जारी किया है। ताजा अपडेट के अनुसार मार्च से मई के बीच अल-नीनो के बने रहने की 60% संभावना है। वहीं, इसके बाद अप्रैल से जून भी इसका असर देखने को मिलेगा। जिससे भारत और दक्षिण एशिया में गर्मी अधिक पड़ेगी।
The 2023-24 El Niño has peaked as one of the five strongest on record. https://t.co/eNGh5iP6NL
---विज्ञापन---— World Meteorological Organization (@WMO) March 5, 2024
भीषण गर्मी पड़ने के कारण
WMO के महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा कि भारत समेत दुनिया भर में अल-नीनो तापमान बढ़ने का कारण है। उनका कहना था कि जून 2023 के बाद से हर महीने नया तापमान रिकॉर्ड बना है। जिससे 2023 को अब तक रिकॉर्ड पर सबसे गर्म साल माना गया है। WMO ने अगले कुछ महीनों में भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है। जिससे साल 2024 में दुनिया भर में गर्मी के नए रिकॉर्ड बनने के आसार हैं। जानकारी के अनुसार अल-नीनो के चलते पिछले 10 महीनों से प्रशांत महासागर में लगातार तापमान बढ़ा हुआ है। इससे पहले मौसम विज्ञान ने कहा था कि अल-नीनो दक्षिण-पश्चिम के देशों को प्रभावित नहीं करेंगी।
The SERCOM-3 event in Bali, Indonesia, saw a robust turnout today, with hundreds engaging both on-site and online. The spotlight was firmly on the #EarlyWarningsForAll initiative, gaining further momentum for this growing global movement.https://t.co/jC1wXZ11br
— World Meteorological Organization (@WMO) March 4, 2024
ऐसे समझें क्या होता है अल-नीनो?
अल-नीनो मौसम और समुद्र से रिलेटेड नेचुरल क्लाइमेट घटनाओं को बताता है। अल-नीनो स्पेनिश शब्द है, जिसका मतलब छोटा लड़का होता है। यह मौसम के गर्म होने की सूचना देता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार प्रशांत महासागर में पेरू के पास समुद्र किनारे जो बदलाव होते हैं या गर्मी होती है उसे अल-नीनो कहा जाता है। इस बदलाव से किनारे पर तापमान 5 डिग्री से ज्यादा तक हो जाता। जिसका असर इंडिया, ऑस्ट्रेलिया मध्य अफ्रीका समेत अन्य देशों पर होता है।
अल-नीनो का इंडिया पर क्या पड़ेगा असर
अल-नीनो के चलते इंडिया में बारिश कम होती है। साल 2024 में भी इसके चलते सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार पिछले 70 सालों में 15 बार अल-नीनो की घटना हो चुकी है, जिससे हर साल यहां बारिश कमजोर हुई है और सूखे की स्थिति देखी गई है।
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