Weather Alert: मानसून के दूसरे दौर की बारिश अब लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। देश के राज्यों में बारिश और बाढ़ की वजह से भारी तबाही मची है। देश के कई राज्यों में उफनाई नदियों से भी खतरा बढ़ गया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, समेत कई राज्यों में भारी बारिश से तबाही मची हुई है।
इस बीच मौसम विभाग (IMD) ने आज भी कई इलाकों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। एमआईडी ने अगले चार दिनों तक असम, मेघालय, तमिलनाडु जैसे राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने ओडिशा में 27 अगस्त तक बारिश की संभावना जताया है। विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 28 अगस्त 2022 तक मध्यम से तेज बारिश होने के आसार हैं। वहीं पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई इलाकों में 28 अगस्त तक बारिश के आसार हैं।
IMD के मुताबिक, मध्यम से भारी बारिश के आसार नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 27-29 अगस्त और 25-29 अगस्त तक अगले पांच दिनों तक असम और मेघालय में भारी बारिश की संभावना है. वहीं, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में 27 अगस्त को बहुत भारी बारिश की संभावना है।
वहीं, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 29 अगस्त को तेज बारिश होने का पूर्वानुमान है। जबकि दक्षिण कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु में अगले पांच दिनों तक बारिश होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के पुर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली में अगले पांच से छह दिनों तक आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और बहुत हल्की बारिश हो सकती है। आईएमडी के मुताबिक अगस्त के अंत तक दिल्ली में भारी बारिश के आसार नहीं है।
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में चक्रवातीय परिसंचरण क्षेत्र बनने से राज्य के दक्षिणी हिस्से में गांगेय पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के आसार हैं।
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार उत्तरी छत्तीसगढ़, पश्चिम झारखंड और उससे सटे बिहार, दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश तक सीमित रहेगी। इस दौरान इन हिस्सों में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। इसके बाद, जैसे-जैसे मौसम प्रणाली मध्य प्रदेश में आगे बढ़ेगी, मौसम का प्रसार और तीव्रता बढ़ेगी और पूर्वी और मध्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को कवर करेगी। सिस्टम का पेरिफेरल पूर्वी विदर्भ, पश्चिम झारखंड और उससे सटे बिहार और दक्षिणपूर्व उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगा। बाद में, मानसून प्रणाली पश्चिम और उत्तरी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करेगी।