Water bottle in restaurant: रेस्टोरेंट में जाना आम है, सभी जाते हैं, लेकिन कई जगह इन रेस्टोरेंट, होटल या ढाबों पर केवल बोतल बंद पानी की बोतल ही परोसी जाती है। मांगने पर भी होटल प्रबंधक जग या गिलास में फ्री पानी नहीं देते। ऐसे में लोगों 20 रुपये में एक लीटर की बोतल लेने को मजबूर होना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक आदेश पारित कर यह व्यवस्था दी है।
Shri Ashutosh Agrawal, Director, Legal Metrology, D/o Consumer Affairs Government of India gave the presentation on Legal Metrology frame work in India during the 9th OIML-CS Management Committee meetings with international delegates at Bharat Mandapam, New Delhi today. pic.twitter.com/n6Om4ROs5t
---विज्ञापन---— Consumer Affairs (@jagograhakjago) March 6, 2024
पानी देना जिम्मेदारी
दरअसल, आयोग ने न केवल दोषी होटल प्रबंधन पर साधारण पानी न देने पर 60 हजार जुर्माना लगाया है। उसे बोतल के शुल्क पर 9 % सालाना ब्याज के हिसाब से पैसे वापस लौटाने का भी आदेश दिया है। आयोग ने माना कि होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों पर निशुल्क साधारण पानी देना प्रबंधक की जिम्मेदारी है। किसी को बोतलबंद पानी लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
वेटर ने साधारण पानी देने से किया था इनकार
यह पूरा मामला एनसीआर के नारनौल का है। घटना 2 जनवरी साल 2022 को हुई थी। याचिकाकर्ता साकेत मक्कड़ किसी काम से दिल्ली से जयपुर जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में वह नारनौल इलाके एक नामी होटल में रुके। यहां खाना खाने के उनकी टेबल पर होटलकर्मी ने बोतलबंद पानी रखा। उन्होंने वेटर से जग या गिलास में साधारण पानी देने के लिए आग्रह किया।
मानसिक प्रताड़ना और मुकदमेंबाजी का देना होगा हर्जाना
शिकायत में बताया गया कि वेटर ने साधरण पानी देने से इनकार कर दिया। काफी बहस के बाद भी बिल में 20 रुपये पानी की बोतल के लिए गए। इसके बाद इस मामले की शिकायत जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में की गई। लंबी सुनवाई के बाद अब इस मामले में आयोग ने अपना फैसला सुनाया है। आयोग ने होटल प्रबंधक पर बोतलबंद पानी देकर वसूली करने पीड़ित को होने वाली मानसिक प्रताड़ना पर उसे 40 हजार रुपये हर्जाना देने और मुकदमेंबाजी में खर्च के लिए अलग से 20 हजार रुपये देने का निर्देश दिया है।