लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पास हो गया है। बीते दिन प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे बिल को सदन के पटल पर रखा गया। इस पर चर्चा के लिए स्पीकर ने 8 घंटे का समय तय किया था, लेकिन इस पर लंबी बहस हुई। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू ने बिल को समर्थन देने की घोषणा की है। दोनों पार्टियों के सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। दूसरी ओर विपक्ष बिल का विरोध कर रहा है।
कौन-सी पार्टियां कर रही विरोध?
विपक्ष के सभी दल इस बिल के विरोध में हैं। जिसमें कांग्रेस, सपा, आरजेडी, टीएमसी, डीएमके, वामदल, एआईएडीएमके, बीआरएस, बीजेडी और असद्दुीन ओवैसी की पार्टी आईएमआईएम भी शामिल हैं। इन पार्टियों के सांसदों की कुल संख्या 234 है।
जानें लोकसभा-राज्यसभा का गणित
लोकसभा में कुल 543 सांसद हैं। बहुमत के लिए 272 सांसदों का समर्थन जरूरी था। एनडीए के पास 294 सांसद हैं, लेकिन 288 सांसदों ने बिल के समर्थन में वोटिंग की। इंडिया गठबंधन के पास 234 सांसद हैं और 232 सांसदों ने बिल के विरोध में वोटिंग की।
वहीं राज्यसभा की सदस्य संख्या 245 है। फिलहाल 236 सांसद हैं। ऐसे में सरकार के पास 121 सदस्यों का समर्थन हैं। इसमें 115 सांसद एनडीए के हैं तो 6 सांसद नाॅमिनेटेड मेंबर्स हैं। इसमें बीजेपी के पास 96 सांसद हैं। जेडीयू के 4, टीडीपी के 2 और अन्य छोटे दलों के सांसद शामिल हैं। बिल पास कराने के लिए सरकार को राज्यसभा में 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत है, जो बहुमत से 2 ज्यादा है।
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13 मार्च को पेश हुई थी जेपीसी रिपोर्ट
इससे पहले बिल 19 फरवरी को कैबिनेट के सामने रखा गया था, जिसे मंजूरी मिलने के बाद संसद में पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष की मांग पर बिल को जेपीसी को सौंपा गया। जेपीसी ने इस बिल पर 655 पेज की रिपोर्ट 13 मार्च को संसद में पेश की थी। उधर जेडीयू और टीडीपी ने सरकार को तीन सुझाव दिए थे जिसे सरकार ने मान लिया था। इसमें कानून पिछली तारीख से लागू नहीं हो। पुरानी मस्जिद, दरगाह और धार्मिक स्थान छेड़छाड़ और जमीन मामलों में राज्यों की भी राय ली जाए जैसे प्रावधान भी शामिल हैं।
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