अभिषेक मिश्रा, जनकपुर, नेपाल
Vivah Panchami 2024: अयोध्या में प्रभु राम का भव्य मंदिर बन चुका है। अब अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर संग एक नया अध्याय 18 नवंबर को जुड़ने जा रहा है। माता सीता के मायके नेपाल स्थित जनकपुरधाम से पहली बार पांच सौ से अधिक जनकपुरवासी तिलक चढ़ाने दामाद के यहां अयोध्या पहुंचेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं।
नेपाल के जनकपुर धाम निवासी और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष संतोष शाह ने बताया कि 20 साल बाद 16 नवंबर की सुबह 8 बजे जनकपुर धाम से लगभग 500 की संख्या में तिलकहरू (तिलक चढ़ाने के लिए) अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। 6 बस, लगभग 50 चार पहिया वाहन, एक ट्रक और एक रथ पर म्यूजिक सिस्टम लगाए गए हैं। इसके साथ ही और गेरुआ कपड़े पहनकर भगवान राम के ससुराल के लोग दामाद श्रीराम का तिलक लेकर 17 नवंबर को भारत में प्रवेश करेंगे।
कब होगा भगवान राम का विवाह?
18 नवंबर की दोपहर 2 बजे राम मंदिर के प्रांगण में ही तिलकोत्सव का आयोजन होगा। नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह, जनकपुर के मेयर मनोज शाह और राम जानकी मंदिर के महंत राम रोशन दास दामाद श्रीराम का तिलक चढ़ाएंगे और 6 दिसंबर को भगवान राम का विवाह होगा।
6 दिसंबर को होगा राम-सीता विवाह
6 दिसंबर को सजधज कर श्रीराम पालकी पर सवार होकर जनकपुर स्थित रंगभूमि मैदान पहुंचेंगे। ऐसी मान्यता है कि सीता का स्वयंवर इसी स्थान पर हुआ था। यहां पहुंचने के बाद राजाराम की आरती उतारी जाएगी और ससुराल वाले अपने दामाद को फूलों की वर्षा कर स्वागत करेंगे। इसके पश्चात पालकी को नगर की परिक्रमा करायी जाएगी और फिर राम जानकी मंदिर पहुंचाया जाएगा। जहां बड़े धूमधाम से और रीति रिवाज के साथ राम और सीता का विवाह संपन्न होगा।
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तिलक में सोने की चेन, चांदी की मटर माला, चांदी का पान और सुपारी खास उपहार
जनकपुरवासी बेटी सीता के तिलक में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसके लिए तिलक में भार स्वरूप राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के लिए सर्दी और गर्मी के कपड़े, पीतल और फूल के बर्तन, 11 प्रकार के सीजनल फल, मेवा और नेपाल की प्रमुख मिठाइयां चढ़ाएंगे। वहीं दामाद श्रीराम के लिए सोने की चेन, चांदी की मटर माला, चांदी की सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएंगे।
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26 को निकलेगी श्रीराम की बरात
26 नवंबर को अयोध्या से पहली बार 500 से अधिक की संख्या में बराती राजा राम के ससुराल के लिए प्रस्थान करेंगे। अयोध्या, आजमगढ़, बिहार के बक्सर, पटना, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बेनीपट्टी, मधवापुर होते हुए बरात 2 दिसंबर को मटियानी नेपाल के बॉर्डर में प्रवेश करेगी। 3 दिसंबर को जनकपुरधाम बरात पहुंचेगी। 4, 5, 6 और 7 तक नेपाल में रहने के पश्चात बराती 8 दिसंबर की सुबह जनकपुरधाम से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे।