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BJP के निशाने पर लोधी वोट बैंक, जानें कौन हैं ठाकुर विश्वदीप सिंह जिनको प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने खेला दांव

Thakur Vishwadeep Singh: भाजपा आलाकमान ने आज यूपी की देवरिया और फिरोजाबाद सीट से प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। पार्टी अब तक 80 में से 73 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी हैं। वहीं उसने 6 सीटें गठबंधन के सहयोगियों को दी हैं।

Edited By : Amit Kumar | Updated: Apr 16, 2024 13:21
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Thakur Vishwadeep Singh Firozabad BJP Candidate
फिरोजाबाद से भाजपा प्रत्याशी ठाकुर विश्वदीप सिंह.

Thakur Vishwadeep Singh Firozabad BJP Candidate: भाजपा ने मंगलवार 16 अप्रैल को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवारों की 12वीं सूची जारी कर दी। जिसमें यूपी से भी दो नाम शामिल हैं। पार्टी ने देवरिया से शंशाक मणि त्रिपाठी और फिरोजाबाद से विश्वदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है। कुल मिलाकर भाजपा अब तक यूपी की 80 में से 73 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी हैं।

पार्टी ने फिरोजाबाद सीट से चंद्रसेन सिंह जादौन का टिकट काटकर ठाकुर विश्वदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा ने इस सीट से अक्षय यादव को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है। बता दें कि इससे पहले ठाकुर विश्वदीप सिंह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। गौरतलब है कि इस सीट के लिए पार्टी को अमीर प्रत्याशी की तलाश थी जो कि विश्वदीप सिंह पर आकर पूरी हुई. विश्वदीप सिंह क्षेत्र में लोकप्रिय होने के साथ ही कई काॅलेजों के मालिक भी हैं। ऐसे में वे भाजपा के हर पैरामीटर पर खरे उतरे इसलिए पार्टी ने आखिरी मौके पर टिकट उनकी झोली में डाल दिया।

जानें कौन हैं ठाकुर विश्वदीप सिंह

ठाकुर विश्वदीप सिंह शिक्षाविद हैं। वह जिले में कई स्कूल और काॅलेजों का संचालन करते हैं। इनके पिता ठाकुर ब्रजराज सिंह 1957 में फिरोजाबाद से निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं। साल 2014 में विश्वदीप सिंह ने हाथी पर सवार होकर संसद पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन चुनाव में वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

2009 में अखिलेश ने जमाया था इस सीट पर कब्जा

जानकारी के अनुसार पार्टी को इस सीट से लोधी या यादव समाज के जुड़े व्यक्ति की तलाश थी क्योंकि सपा ने इस बार अक्षय यादव को मैदान में उतारा है। मैनपुरी की तरह फिरोजाबाद सीट भी सपा का गढ़ मानी जाती है। 2009 का लोकसभा चुनाव अखिलेश ने यहां से लड़कर जीता था। 2012 में जब वे सीएम बन गए तो उन्होंने सांसदी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद हुए उपचुनाव ने मुलायम ने बहु डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह कांग्रेस के राजबब्बर से चुनाव हार गई। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अक्षय को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने यहां से जीत दर्ज की।

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2019 में सपा को मिली हार

2019 का लोकसभा चुनाव आते-आते मुलायम सिंह का कुनबा पूरी तरह बिखर चुका था। इसका भाजपा को फायदा मिला। हालांकि सपा ने दूसरी बार भी अक्षय को चुनाव लड़ाया लेकिन शिवपाल की नाराजगी के चलते कुछ यादव वोट भाजपा में चले गए जिससे यहां भाजपा के चंद्रसेन जादौन जीत गए। ऐसे में सपा इस बार इस सीट को जीतने के लिए पूरा दमखम लगा रही है।

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First published on: Apr 16, 2024 01:15 PM

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