केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने रविवार को भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ राज्य के उत्तर 24 परगना जिले में विरोध-प्रदर्शन किया। विरोध-प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए। इस दौरान न्यूज एजेंसी एनआईए के साथ बातचीत में सुकांत मजूमदार ने घटना को लेकर सीएम ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी पर बड़ा आरोप लगाया।
क्या कहा सुकांत मजूमदार ने?
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘इस घटना (आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म और हत्या) में 3 नेताओं की बड़ी भूमिका थी। इन तीन नेताओं ने ‘बंगाल की निर्भया’ की बॉडी को जला दिया था। इन 3 नेताओं में से एक सोमनाथ डे को सीएम ममता बनर्जी ने पुरस्कार स्वरूप पद देकर पानीहाटी नगर पालिका का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। यह पुरस्कार इसलिए दिया गया है क्योंकि ममता बनर्जी के निर्देश पर ही उन्होंने पीड़िता के शरीर को जलाकर सभी सबूत नष्ट कर दिए थे। यह पश्चिम बंगाल के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।’ उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता जिस ‘निर्भया’ को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन में सड़कों पर उतरी थी, उस आंदोलन का ये परिहास है।
#WATCH | West Bengal: Union Minister Sukanta Majumdar says “…Three leaders had a role in it (RG Kar Medical College rape and murder). One of these three leaders, Somnath Dey, has been appointed as the Chairman of Panihati Municipality by Mamata Banerjee by giving him a prize… https://t.co/IKEbUexElS pic.twitter.com/nSHhEqva4d
— ANI (@ANI) March 23, 2025
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विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर का तबादला
इससे पहले गुरुवार (20 मार्च) को पश्चिम बंगाल सरकार ने डॉ. सुवर्ण गोस्वामी के तबादले का फरमान जारी किया था। डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म और हत्याकांड का शिकार हुई ट्रेनी महिला डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग करने वाले आंदोलनकारियों का नेतृत्व किया था। पश्चिम बंगाल लोक स्वास्थ्य सह प्रशासनिक सेवा की सदस्य और वर्तमान में दक्षिणी पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान में डिप्टी सीएमओएच-II के पद पर तैनात डॉ. सुवर्ण गोस्वामी को तत्काल प्रभाव से राज्य के उत्तरी हिस्से में दार्जिलिंग टीबी अस्पताल के अधीक्षक के रूप में अगले आदेश तक कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया है।
क्या है डॉक्टर दुष्कर्म-हत्या मामला?
बता दें कि पिछले साल अगस्त महीने में 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थीं, जिसके बाद राज्य में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए थे। 9 अगस्त 2024 की सुबह उत्तरी कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेज आरजी कर में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के शव मिले थे। इसके बाद पहले डॉक्टर की सुसाइड की सूचना बाहर आई। लेकिन कुछ देर बाद पता चला कि ट्रेनी डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल की तीसरी मंजिल पर अर्ध-नग्न अवस्था में मिला है। मामले में दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने का एंगल सामने आया था। घटना के अगले दिन 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को हिरासत में ले लिया। इसके बाद डॉक्टरों ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया और जल्द ही यह मामला पूरे देश में फैल गया। इस घटना ने पूरे देश में रोष पैदा किया, इसे देखते हए कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था।