प्रशांत देव
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज केंद्रीय क्षेत्र की योजना (100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित) के रूप में वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रम-II (वीवीपी-II) को मंजूरी दे दी। यह ‘सुरक्षित, संरक्षित और जीवंत भूमि सीमाओं’ के लिए विकसित भारत @2047 के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कार्यक्रम वीवीपी-I के तहत पहले से शामिल उत्तरी सीमा क्षेत्रों के अलावा अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमाओं (आईएलबीएस) से सटे ब्लॉकों में स्थित गांवों के समग्र विकास में सहायक होगा।
इन राज्यों को होगा फायदा
₹6,839 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ यह कार्यक्रम अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर (यूटी), लद्दाख (यूटी), मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के चयनित रणनीतिक गांवों में वित्त वर्ष 2028-29 तक लागू किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य समृद्ध और सुरक्षित सीमाओं को सुनिश्चित करना, सीमा पार अपराधों को नियंत्रित करना और सीमावर्ती आबादी को राष्ट्र के साथ आत्मसात कर उन्हें ‘सीमा सुरक्षा बलों की आंख और कान’ के रूप में विकसित करना है, जो आंतरिक सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह कार्यक्रम गांव या गांवों के समूह के भीतर बुनियादी ढांचे के विकास, मूल्य श्रृंखला निर्माण (जैसे सहकारी समितियां, स्वयं सहायता समूह आदि), सीमा-विशेष जनसंपर्क गतिविधियां, स्मार्ट कक्षाओं के रूप में शिक्षा संबंधी ढांचा, पर्यटन सर्किट का विकास, और विविध एवं टिकाऊ आजीविका के अवसर सृजित करने के लिए परियोजनाओं हेतु धन उपलब्ध कराएगा।
कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 के लिए “वाइब्रेंट विलेज्स कार्यक्रम-II (वीवीपी-II) को मंजूरी दी
यह कार्यक्रम अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर (यूटी), लद्दाख (यूटी), मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड,… pic.twitter.com/pwNUNc8ZI4
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) April 4, 2025
बनायीं जाएंगी खास सड़कें
हस्तक्षेप सीमा-विशिष्ट, राज्य-विशिष्ट और गांव-विशिष्ट होंगे, जिन्हें सहभागिता आधारित ग्राम कार्य योजनाओं के आधार पर तैयार किया जाएगा। इन गांवों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क, ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत पहले से स्वीकृत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV (पीएमजीएसवाई-IV) के अंतर्गत किया जाएगा। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति सीमावर्ती क्षेत्रों में योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु दिशा-निर्देशों में आवश्यक छूट पर विचार करेगी।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य योजना मानदंडों के अनुसार चयनित गांवों में व्यक्तिगत एवं घरेलू स्तर की मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं की संतृप्ति प्राप्त करना है। इसके अंतर्गत बारहमासी सड़क संपर्क, दूरसंचार संपर्क, टेलीविजन संपर्क और विद्युतीकरण जैसे चार विषयगत क्षेत्रों में सभी गांवों को संतृप्त करने का लक्ष्य है।
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कार्यक्रम में मेलों, त्योहारों, जागरूकता शिविरों, राष्ट्रीय पर्वों के आयोजन, मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के नियमित दौरे एवं रात्रि विश्राम जैसी गतिविधियों के माध्यम से इन गांवों में जीवंतता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। इससे स्थानीय संस्कृति, विरासत और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग किया जाएगा और पीएम गति शक्ति जैसे सूचना डेटाबेस का सहारा लिया जाएगा। वीवीपी-I और वीवीपी-II सीमावर्ती गांवों को आत्मनिर्भर और जीवंत बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल है।